MPPSC: फिर हो गया भर्ती घोटाला

इंदौर। व्यापमं और MPPSC भर्ती घोटालों की जांच चल रही है परंतु चालबाज अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी की परीक्षा में फिर घोटाला हो गया। माफिया ने सबसे पहले पेपर लीक कराए, लेकिन जब भांडा फूटा और पेपर केंसल हो गए तो अब नियम ही बदलवा लिए। आरोप है कि कोई 150 से ज्यादा अभ्यर्थियों को नियम बदलकर लाभ पहुंचाया गया है।

बीते साल पेपर आउट होने के बाद दोबारा हुई आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी परीक्षा फिर विवादों में है। परीक्षा में भाग ले रहे उम्मीदवार खुद पीएससी के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इस बार मुद्दा चयन प्रक्रिया के बीच नियम बदलने और मध्यप्रदेश को छोड़ अन्य राज्यों के छात्रों को फायदा पहुंचाने का है। सोमवार को मप्र लोकसेवा आयोग के दफ्तर पहुंचे छात्रों ने मामले में विरोध प्रदर्शन कर प्रक्रिया में सुधार की मांग की।

पीएससी ने सितंबर 2013 में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी परीक्षा का विज्ञापन जारी किया था। मई 2014 में परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा के अगले दिन ही इसके पर्चे लीक होने की खबर आ गई। बाद में परीक्षा को रद्द कर दिया गया। रद्द हुई परीक्षा इसी वर्ष 15 मार्च को फिर हुई। छात्र आरोप लगा रहे हैं कि दोबारा हो रही परीक्षा प्रक्रिया में पीएससी ने अपने स्तर पर ही आयुष विभाग के नियम बदल दिए। दरअसल पीएससी ने परीक्षा के विज्ञापन के समय भाग लेने के लिए उम्मीदवारों का आयुर्वेद चिकित्सा परिषद् में पंजीयन अनिवार्य किया था। अब लिखित परीक्षा के बाद पीएससी ने सूचना जारी कर विद्यार्थियों को 29 जून तक पंजीयन जमा करने की छूट दे दी है। इसी निर्देश से उम्मीदवारों में गुस्सा फूट गया है।

नए को मौका क्यों
परीक्षा में भाग ले रहे छात्रों के अनुसार 2013 तक पास आउट हुए और पंजीयनधारी आयुर्वेद चिकित्सकों को ही प्रक्रिया में शामिल किया जाना था। पीएससी की गलती से चयन प्रक्रिया दो साल लेट हुई। अब 29 जून तक पंजीयन जमा करने का नया आदेश जारी कर दिया। इससे यह हो रहा है कि इन दो वर्षों में पासआउट होकर पंजीयन करवाने वाले नए छात्र भी प्रक्रिया में शामिल हो जाएंगे। खासतौर पर प्रदेश के बाहर से डिग्री लेकर आए छात्रों को मौका दिया जा रहा है।

दूसरे क्षेत्रों को फायदा
उम्मीदवारों के अनुसार परीक्षा के विज्ञापन में ऐसी शर्त नहीं थी कि पंजीयन इंटरव्यू के पहले तक करवाया जा सकता है। अब पीएससी के इस ऐलान से महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से पासआउट हुए छात्रों को पंजीयन करवाकर पद हासिल करने की छूट मिल रही है। इस बार परीक्षा की मेरिट सूची में 172 अभ्यर्थी बाहर के हैं। ऐसे में वे प्रदेश के छात्रों के मौके छीन लेंगे।

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