OMG: इस मामले में भी हो गया मप्र नंबर 1

भेापाल। मप्र पर इन दिनों नंबर 1 होने का भूत सवार है, फिर चाहे वो कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो। अब पत्नि पीड़ित पतियों का मामला ही ले लीजिए। इस लिस्ट में भी मप्र नंबर 1 पोजीशन पर है। यहां पत्नि से पीड़ित पतियों की संख्या देशभर में सबसे ज्यादा है। पत्नियां जब चाहे पतियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा देतीं हैं, पुलिस कोई जांच नहीं करती और एक इंसान की पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है। 

पत्नी द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे पुरुषों की संख्या में इजाफा हो रहा है। देश भर में मप्र के सबसे ज्यादा पुरुष पत्नी की प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं। दूसरे नंबर पर कर्नाटक है। यह खुलासा होप फॉर मेन विषय पर हुई कार्यशाला में हुआ है। शनिवार को कार्यशाला में बताया कि सेव इंडिया फैमिली भोपाल अगेंस्ट इनजस्टिस (भाई) द्वारा शुरू हुए हेल्पलाइन नंबर 08882498498 पर सबसे ज्यादा फोन मप्र व छत्तीसगढ़ से पहुंचे हैं।

जहां महिला हेल्पलाइन पर महिलाओं के लगभग 79 फोन हर दिन पहुंच रहे हैं, वहीं भाई की हेल्पलाइन पर रोजाना 106 पत्नी पीड़ित पुरुष फोन कर रहे हैं। कार्यशाला में पीड़ित पुरुषों व उनके परिवारों को कानून की जानकारी दी। पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थित गांधी भवन में भाई और सहयोगी संस्था हृदय द्वारा आयोजित कार्यशाला में प्रदेशभर से 300 से अधिक पत्नी पीड़ित पुरुष उपस्थित थे। यहां आंकड़ों में सामने आया कि महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर 41 माह में 85,000 महिलाओं आैर भाई की हेल्पलाइन पर 12 माह में 38,650 पुरुषों ने शिकायतें कीं हैं।

कोर्ट के फैसले बताए
दिल्ली से आए अनिल लखानी ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए कुछ फैसलों की जानकारी दी। वहीं, लखनऊ के यक्षपाल सिंह ने झूठे मुकदमों से पीड़ित पुरुषों व उनके परिवारों को कानून के संबंध में बताया।

खुद एलएलबी की तब छूट पाए पत्नी के मायाजाल से
दहेज प्रताड़ना के आरोप में अपना केस खुद लड़ कर जीतने वाले इंदौर के दीप्तांशु शुक्ला ने अनुभव साझा किया। उनकी पत्नी ने 498 ए सहित विभिन्न धाराओं में उनके खिलाफ पांच केस दर्ज कराए थे। पुलिस ने भी पत्नी का फेवर किया, जिसकी वजह से उन्हें जेल हुई। इसके बाद एलएलबी की। उन्होंने बताया कि वे आईआईटी टॉपर रहे हैं। जेल होने पर उनका पूरा कॅरियर खराब हो गया। सब कुछ छोड़कर तीन साल कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। बाद में निर्णय लिया कि वकीलों के सहारे केस नहीं लड़ेंगे। खुद ही एलएलबी की और अपना केस लड़ा। 31 मार्च 2015 को इंदौर कोर्ट से केस जीता। कोर्ट ने पत्नी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया।

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