पटना। भारत के प्रधानमंत्री एवं कट्टरपंथियों के निशाने पर चल रहे नरेन्द्र मोदी को बम धमाका कर हत्या की प्लानिंग का पर्दाफाश हुआ है। यह वारदात आगामी 9 अगस्त को गया में प्रस्तावित रैली में होने वाली थी परंतु सीआरपीएफ ने हमले से पहले ही विस्फोटकों का जखीरा बरामद कर लिया।
गया के छतरपुर गांव में इन विस्फोटकों के साथ सुरक्षा एजेंसियों के प्रयोग में आने वाले चार आइईडी डिटेक्टर भी मिले हैं। आइईडी डिटेक्टर से सुरक्षा एजेंसियां जमीन के नीचे छुपाकर रखे गए विस्फोटकों का पता लगाती हैं।
सीआरपीएफ के बिहार सेक्टर के आइजी अरुण कुमार ने बताया कि सीआरपीएफ की 159 बटालियन को सूचना मिली थी कि छतरपुर गांव के एक घर में विस्फोटकों का जखीरा छुपाकर रखा गया है। जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर यह गांव मुख्य धारा से इतना कटा है कि वहां सीआरपीएफ के जवानों व अधिकारियों को करीब दो घंटे पैदल चलकर पहुंचना पड़ा। तलाशी लेने पर वहां से एक हजार जिलेटिन की छड़ें, गैस सिलेंडर में बनाए गए चार आइईडी (सिलेंडर बम), पांच इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर और चार आइईडी डिटेक्टर बरामद किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया में रैली को लेकर इस बरामदगी से न केवल सीआरपीएफ, बल्कि देश की अन्य सभी बड़ी खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
बता दें कि पटना में भी गत 25 जुलाई को प्रधानमंत्री के आगमन से पहले रांची पुलिस की सूचना पर पटना पुलिस ने पटना के रामकृष्ण नगर इलाके से भारी मात्रा में आइईडी बरामद किया था। पटना में बरामद आइईडी का जखीरा नक्सली संगठन पीएलएफआइ द्वारा एकत्रित किया गया था।