जबलपुर। इटारसी में रेलवे का रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम फेल से प्रभावित हुए रेल यातायात और परेशान हुए यात्रियों के दर्द पर जब सरकारों ने मरहम नहीं लगाया तो अंतत: मामला हाईकोर्ट की चौखट पर जा पहुंचा। हाईकोर्ट ने केन्द्र शासन, सचिव रेल मंत्रालय, रेलवे बोर्ड व पश्चिम मध्य रेल जोन को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है।
मंगलवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस सुशील कुमार गुप्ता की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता समाजसेवी डॉ.दीपक जायसवाल व विनोद शिवहरे का पक्ष अधिवक्ता राजेश चंद ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि 17 जून 2015 को सुबह पश्चिम मध्य रेलवे का इटारसी स्थित रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम फेल हो गया। इस वजह से कई ट्रेनें प्रभावित हो गईं। कई को रद्द करना पड़ा। लाखों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। रेलवे को करोड़ों की राजस्व क्षति हुई। साथ ही सुरक्षा पर खतरे का सवाल भी उठ खड़ा हुआ।
बहस के दौरान कहा गया कि रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम बेहद आवश्यक होने के बावजूद पमरे ने वैकल्पिक इंतजाम नहीं रखा। बैकअप प्लान का अभाव देखने मिला। यही नहीं गारंटी पीरियड निकल जाने के बाद भी रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम का सुधार कार्य न कराया जाना भी लापरवाही को इंगित करता है। कायदे से सिस्टम को ठंडा रखने के लिए एसी निरंतर चलना चाहिए, लेकिन इसकी परवाह नहीं की गई।