भोपाल। देखने में भले ही मासूम लगें, लेकिन भोपाल हबीबगंज पुलिस के हाथ लगे चार चोरों का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। गिरोह का सरगना शैलेंद्र विश्वकर्मा है, अब तक उसने चोरी की 40 वारदातें कबूल की हैं, इन्हें दोपहर के दो बजे से रात दस बजे के बीच अंजाम दिया गया।
खास बात यह है कि गिरोह का सरगना इनकम टैक्स रिटर्न भी दाखिल करता था। सरगना शैलेंद्र ने दो गाड़ियां भी खरीदी थीं। वो कुछ दिन पहले गोवा गया था जहां कैसिनो में चोरी के पैसे खर्च किए थे। इनके पास से अब तक 51 लाख रुपए का सामान बरामद हुआ है। पुलिस का मानना है की इनके पास से 1 करोड़ से ज्यादा का माल है।
शैलेंद्र विश्वकर्मा और विकास राजपूत उस समय पुलिस के हत्थे तब चढ़े, जब दोनों एक ही स्कूटर पर संदिग्ध स्थिती में घूम रहे थे। इन दोनों को पहले भी पुलिस ने वर्ष 2014 में 27 चोरियों के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनके स्कूटर की डिग्गी में ताला तोड़ने की टॉमी, पेचकस, दो मोबाइल फोन और ग्लब्स रखे थे। इनका इस्तेमाल चोरी की वारदात के दौरान किया जाता है। इसलिए पुलिस पकड़कर इन्हें थाने ले आई।
पूछताछ शुरू हुई तो आरोपियों ने एक के बाद एक चोरी की 40 वारदातें कबूल कर लीं। इस दौरान अकरम खान और प्रवीण पुष्कर ने इनका साथ दिया था। पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया। इनकी मदद करने वाले रूपेश धाकड़, हितेश राठौर और जितेंद्र सोनी फिलहाल फरार हैं।
ब्लूटूथ से रहते थे कनेक्ट
गिरोह का कोई भी सदस्य आठवीं से ज्यादा पढ़ा नहीं है। फिर भी वारदात को काफी हाईटेक तरीके से अंजाम देते थे। ग्लब्स पहनकर वारदात इसलिए करते थे, ताकि फिंगर प्रिंट न आ जाएं। वारदात से पहले चारों रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर देते थे। इनके पास केवल वारदात के दौरान इस्तेमाल करने के लिए दो अलग मोबाइल फोन थे। गिरोह का एक सदस्य कार में बैठा रहता था। बाकी तीन सदस्य सूने मकान का ताला तोड़कर मकान में दाखिल हो जाते थे। ब्लूटूथ लगाकर अंदर घुसा कोई एक सदस्य कार में बैठे आरोपी के संपर्क में रहता था।