भोपाल। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के साले संजय सिंह ने अपने एक मित्र एवं काॅलोनाईजर मनोज नेमा को उसी मामले में सरकारी गवाह बनवा दिया। स्वभाविक रूप से इसके लिए राजनैतिक रसूख का उपयोग किया गया। नेमा 2012 में हुए बहुचर्चित चंदोरी सेक्सकांड का आरोपी था।
आज बुलाई प्रेसवार्ता में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया है कि बालाघाट जिले में 2012 में हुए बहुचर्चित चंदोरी सेक्सकांड में वहां के कॉलोनाइजर मनोज पिता स्वर्गीय गोविंददास नेमा आरोपी थे, परंतु मुख्यमंत्री के साले संजय सिंह से दोस्ती होने के कारण पुलिस ने उन्हें सरकारी गवाह बना लिया है।
80 लाख का बगीचा 4 लाख में खरीदा
बालाघाट जिला मुख्यालय की गोविंद मंगलम् काॅलोनी, जिसके काॅलोनाईजर संजयसिंह के मित्र मनोज नेमा हैं, की इस काॅलोनी में बगीचे के लिए आरक्षित 3510 वर्गफुट भूमि, जिसका वर्तमान बाजार मूल्य 80 (अस्सी) लाख रूपये है, को मुख्यमंत्री के साले संजयसिंह पिता घनश्यामसिंह मसानी, जाति किरार, निवासी-120-क, आजाद वार्ड, बालाघाट, तहसील व जिला बालाघाट द्वारा अवैध तरीके से न केवल कम दामों में खरीदी गई, बल्कि उसकी अवैध रजिस्ट्री कराते वक्त स्टाम्प चोरी भी की गई है।
कांग्रेस का यह भी आरोप है कि इस भूमि की रजिस्ट्री संजयसिंह ने मात्र 4.25 लाख रूपये में कराकर सिर्फ 42 हजार रूपये के स्टाम्प लगाये हैं। लिहाजा, उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाये। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि संजयसिंह पिता घनश्यामसिंह मसानी, निवासी-गोंदिया (महाराष्ट्र) में रहते हैं, तब रजिस्ट्री में क्रेता के बतौर उनका पता-120-क, आजाद वार्ड, बालाघाट, तहसील व जिला बालाघाट के साथ परिचय पत्र क्र. IVB0059659 क्यों लिखाया गया, यह भी एक जांच का विषय है?
यह बिक्री अवैध है
अपने आरोप को स्पष्ट करते हुए मिश्रा ने कहा कि वैसे भी विकसित काॅलोनी के लिए आरक्षित बगीचे की बिक्री और उसकी रजिस्ट्री दोनों ही गैर कानूनी है, उसे कानूनी जामा सिर्फ इसलिए पहनाया गया कि इसके क्रेता मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साले संजयसिंह है। कांग्रेस की मांग है कि अवैध क्रय-विक्रय में संबंधित शासकीय अधिकारियों व संबंधित रजिस्ट्रार के विरूद्व भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाये।