भोपाल। रैगिंग से परेशान पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक स्टूडेंट ने आत्महत्या से पहले अपना सुसाइड नोट नेशनल एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को भेजा है। उसने डीटेल्स में बताया है कि एग्जाम सर पर होने के बावजूद पीपुल्स कॉलेज में किस तरह से रैगिंग चल रही है और अब वह इसे सहन नहीं कर सकता।
मंगलवार को सुबह 11 बजे पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र ने रैगिंग की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद कॉलेज प्रबंधन में हड़कंप है। वहीं, छात्र ने बताया कि पिछले दो महीने से तीन सीनियर छात्र उसे और उसके रूम पार्टनर को परेशान कर रहे हैं। सीनियर छात्र शराब पीकर कभी भी हॉस्टल में उसके रूम में आ जाते हैं या उन्हें अपने रूम में बुला लेते हैं और वहां उनकी रैगिंग लेते हैं।
सीनियर द्वारा गालों पर तमाचे मारे जाते हैं। पीड़ित छात्र का कहना है कि सीनियर द्वारा उन्हें उनके सामने शराब पीने के लिए दबाव बनाया जाता है। जब वे शराब पीते हैं तो मोबाइल से उनका वीडियो बनाया जाता है। साथ ही धमकी दी जाती है कि मैनेजमेंट से शिकायत करने पर यह वीडियो डीन को दिखा देंगे। छात्र के अनुसार
कई बार सीनियर्स जान से मारने तक की धमकी दे चुके हैं।
साइलेंट विक्टिम बने रहने से मरना अच्छा
छात्र ने बताया यह पूरा घटनाक्रम पिछले दो महीनों से चल रहा है। इसका असर पढ़ाई पर पड़ रहा है। अगले महीने से परीक्षा शुरू होने वाली है। वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं। छात्र ने चेतावनी दी है कि यदि यह सब नहीं रुका तो वो खुदकुशी कर लेगा। उसने लिखा है कि साइलेंट विक्टिम बने रहने से मरना अच्छा है।
इसलिए की है शिकायत
छात्र ने बताया कि बीती रात वो खुदकुशी का मन बना चुका था लेकिन बाद में कुछ घंटे तक इसके बारे में सोचा। पेरेंट्स की गाइडेंस के बाद ऐसा न कर पहले हेल्पलाइन में शिकायत करने का निर्णय लिया।
उधर, नेशनल एंटी रैगिंग हेल्पलाइन ने इस मामले में कॉलेज प्रबंधन से लेकर कुलपति तक से संपर्क किया। साथ नजदीक के निशातपुरा थाने में भी इसकी सूचना दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हेल्पलाइन की मॉनीटरिंग एजेंसी ने शिकायत वाले दिन ही दोपहर दो बजे प्रकरण यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन को फारवर्ड कर दिया।