भोपाल। व्यापमं मामले में अब शिवराज सरकार खुली लीपापोती पर आ गई है। विधानसभा में लगाए गए विधायकों के प्रश्नों में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं किया जा सकता, परंतु व्यापमं मामले में तो सवाल ही बदल डाले गए।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने उनके द्वारा व्यापमं से संबंधित पूछे गए सवाल पर काटछांट करने का आरोप लगाया है। रावत ने कहा कि उन्होंने मूल प्रश्न में व्यापमं फर्जीवाड़े के आरोपी प्रेमचंद प्रसाद की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निजी सचिव पद पर रहने की जानकारी और वे वर्तमान में कहां पदस्थ हैं चाही थी।
मंगलवार को जारी प्रश्नोत्तरी में पेज क्रमांक 2 पर छपे प्रश्न से ही इसे हटा दिया गया। इतना ही नहीं उनके मूल प्रश्न में पूछा गया था कि 15 जनवरी 2014 को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि 2007 से अब तक लगभग एक हजार नियुक्तियां फर्जी हैं। यदि हां तो उन फर्जी नियुक्तियों की विस्तृत सूची प्रस्तुत करें। इसमें से प्रश्न का अंश का यदि ‘हां तो...को विलोपित कर दिया गया है।