भोपाल। जिस सरला मिश्रा हत्याकांड की फाइल दिखाकर शिवराज सरकार दिग्विजय सिंह को डरा रही थी, वो तो गायब हो गई है। रिकार्ड में उपलब्ध ही नहीं है। मजेदार बात यह है कि उस फाइल के गायब होने की कोई रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराई गई है।
इस केस में 27 मार्च 2000 को खात्मा लगने के बाद हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने 31 जनवरी 2006 को खारिज कर दिया। गृह और विधि विभाग ने इन तथ्यों के आधार पर नए सिरे से सीबीआई जांच की मांग करने पर असहमति जताई है। सूत्रों का कहना है कि अब सरकार दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ताओं से चर्चा करेगी। उल्लेखनीय है कि सरला के भाई आनंद मौत के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके भाई लक्ष्मण सिंह को जिम्मेदार बताते हुए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
नहीं ठहराया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री सचिवालय को गृह विभाग द्वारा भेजी गई फाइल में सरला ने डाइंग डिक्लेरेशन में अपनी मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया था। सरला ने 15 फरवरी की सुबह 3.30 बजे दिए गए बयान में कहा था कि 'मैंने अपने ऊपर दो ढक्कन घासलेट डालकर आग लगा ली। हर काम में असफल होने के कारण तंग आकर खुदकुशी की। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। मुझे किसी ने नहीं जलाया मैं स्वयं जली हूं।"
CBI से कराई जाए जांच: चौहान
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान का कहना है कि सरला मिश्रा की मौत से राज का पर्दा हटाने के लिए सीबीआई जांच की जाए। वह खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी ओर से सिफारिशी पत्र लिखेंगे। बीजेपी अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने बताया कि कुछ दिन पहले सरला के भाई आनंद मिश्रा ने मुख्यमंत्री चौहान से भी आग्रह किया था। उनके परिवार की इस मांग पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं इस मांग से सहमत हूं, इसके लिए सीएम से आग्रह भी करूंगा।
बीजेपी दफ्तर पहुंचे सरला के भाई
प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने मीडिया से चर्चा में बताया कि सरला के भाई आनंद मिश्रा बुधवार दोपहर प्रदेश बीजेपी कार्यालय भी पहुंचे, लेकिन उस वक्त कार्यालय में कोई पदाधिकारी नहीं था। इसलिए इस मुद्दे पर उनकी किसी से बात नहीं हो पाई।