अनुकंपा आश्रितों ने बिजली कंपनी के दरवाजे में जड़ा ताला

नीमच। बिजली कंपनी ने पहले तो अनुकंपा नियुक्ति शिविर लगाया। जब लोग पहुंचे तो उन्हें नई नीति का हवाला देकर नियुक्ति के अयोग्य बताया दिया। इससे वे भड़क गए। गुस्साए लोगों ने कंपनी कार्यालय का मेन गेट ही बंद कर दिया और घंटे तक प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि- कंपनी की अनुकंपा नियुक्ति देने की नीयत नहीं है इसलिए ऐसे नीति बनाई है।

बुधवार सुबह गोमाबाई नेत्रालय चौराहा स्थित बिजली कंपनी कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन लेने के लिए शिविर लगा। इसमें करीब 70 लोग पहुंचे। कंपनी के अधिकारियों ने सिर्फ 6 लोगों के ही आवेदन स्वीकार किए। बाकी को अयोग्य ठहरा दिया। इससे नाराज लोग कार्यालय से बाहर आ गए और मेन गेट ही बंद कर दिया। उन्होंने करीब आधा घंटे नारेबाजी कर विरोध जताया। बाद में वे अधीक्षण यंत्री के नाम का ज्ञापन देने एचआर प्रमुख विजय तिवारी के पास पहुंच गए। इसमें अनुकंपा नियुक्ति की दोहरी नीति पर नाराजी जताई।

भोपाल में धरना देंगे
यशवंत माली, राजेंद्र राठौर ने बताया नीति के नाम पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है। तकनीकी व शैक्षणिक योग्यता की शर्तों के साथ शामिल कर हमें नौकरी से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर हम भोपाल में धरना देंगे। एचआर प्रमुख तिवारी ने कहा नीति उच्च स्तर पर बनी है। उसके अनुसार ही मैंने आवेदन लिए हैं।

आईटीआई के बाद भी नाम नहीं
"पिता 2001 में शांत हुए थे। अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने पर आईटीआई करने के लिए कहा गया। हजारों रुपए खर्च कर पढ़ाई की। अब कह रहे हैं कि सूची में आपका नाम नहीं है।"
- गौरव सोनी

मौत का कारण ही बदल दिया
"2000 में पिता को करंट लगा था, जिसकी वजह से लकवा हुआ और 2004 में उनका निधन हो गया। पहले तो अधिकारी आश्वासन देते रहे, अब कह रहे हैं कि आपके पिता की मौत बीमारी से हुई है, इसलिए पात्र नहीं हैं।"
राजेंद्र राठौर

मनासा रोड निवासी प्रेमलता ने बताया पति माणकलाल प्रजापति की 2 अप्रैल 2012 को सामान्य मौत हुई थी। नीति अनुसार 10 अप्रैल 2012 के बाद सामान्य मौत होने पर अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। इससे बेटे दीपक को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पा रही है।

सुनीता सोनी ने बताया पति अर्जुन सोनी का 2001 में हार्टअटैक से निधन हो गया था। कंपनी सिर्फ एक्सीडेंटल केस के मामले में ही अनुकंपा नियुक्ति दे रही है। इससे बेटे गौरव को नौकरी नहीं मिल रही।

यह है नीति
15 नवंबर 2000 से 10 अप्रैल 2012 के पहले तक हादसे में मारे गए कर्मचारियों के परिजन को ही अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी।
10 अप्रैल 2012 के बाद हुई दुर्घटना व सामान्य निधन में भी अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।
लाइन हेल्पर के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं व आईआईटी 60 फीसदी नंबरों के साथ पास होना चाहिए।
कार्यालय सहायक के लिए 60 फीसदी अंक के साथ ग्रेजुएट व कम्प्यूटर में डिप्लोमा होना चाहिए।

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