मित्रो, आप सभी जानते है की मध्यप्रदेश के व्यापमं महाघोटाले की उच्च स्तरीय जाँच करवाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 18 मार्च 15 को दिल्ली में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री गण कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया और वरिष्ठ वकील विवेक तनखा ने मिलकर पुख्ता प्रमाणों के साथ शिकायत दी थी।
प्रधानमंत्री द्वारा इस व्यापम घोटाले के बहुत गंभीर मामले में उचित कार्यवाही ने करने और 4 महीने से मौन रहने पर सूचना का अधिकार के तहत 8 जून को जब प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगी तो बेहद गैर जिम्मेदार तरीके से जानकारी देने से मना कर दिया . .
प्रश्न सरल था और बड़े स्तर पर जनहित से जुड़ा था. प्रधानमंत्री के कार्यालय के अनुसार जानकारी देने से कार्यालय विचलन (हिल) जायेगा।
भारत के सबसे बड़े शिक्षा घोटाले जब सेंकडो लोग मारे जा रहे है और मप्र सरकार के कई जिम्मेदार जेल में और मुख्यमंत्री सहित कई प्रभावशाली शक के घेरे में है ऐसे में मोदी जी का कार्यवाही न कर चुप रहना दुखद है।
हमारा आरोप है की मोदी जी भाजपा और rss के प्रभावशाली लोगो को बचाने लिए मौन है जोकि विश्व सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री के लिए शर्मनाक है
सधन्यवाद
अजय दुबे
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल
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