नईदिल्ली। तबादला उद्योग जड़ें जमा चुका है। मलाई वाली कुर्सी की बोलियां लगतीं हैं। एक आईएएस को मनचाही पोस्टिंग पाने के लिए 50 लाख से 1 करोड़ तक चुकाने पड़ते हैं, एसडीओ रेंक के तबादले भी 40 से 50 लाख में होते हैं और यह पूरा धंधा मुख्यमंत्री की सीधी देखरेख में होता है।
यह खुलासा किया है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने। उन्होंने कहा कि बिहार में आईएएस व एसडीओ के तबादले में किए जा रहे गोरखधंधे के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग प्रधानमंत्री से की है। नीतीश कुमार की सरकार बिहार में दूसरे राज्य के अधिकारी को बुलाकर घोटाला को अंजाम दे रहे है।
हमारा सवाल यह है कि क्या यह गोरखधंधा केवल बिहार में ही हो रहा है, या अपना मध्यप्रदेश भी ऐसे कारोबार में शामिल है।