नईदिल्ली। मतदान को अनिवार्य बनाने वाली गुजरात सरकार ने अपने इस कानून को सफल बनाने के लिए वोट न डालने वाले मतदाताओं पर 100 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है. गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में वोट डालना अनिवार्य हो गया है. ऐसा करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है।
राज्य सरकार ने गुजरात स्थानीय निकाय कानून, 2009 में संशोधन करके अनिवार्य मतदान का कानून बनाया है। सरकार वोट न डालने वाले मतदाताओं पर 100 रुपये का जुर्माना लगाने के अलावा सोशल सर्विस के तौर पर भी सजा दे सकती है। यही नहीं, सरकार तो वोट न डालने वाले लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करने पर भी विचार कर रही है।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'पहले 500 रुपये का जुर्माना तय किया गया था लेकिन उसके बाद विपक्ष के जबरदस्त विरोध के डर के चलते जुर्माने को घटाकर 100 रुपये कर दिया गया।'
अनिवार्य मतदान से छूट का भी प्रावधान रखा गया है। जानिए किस-किस को मिलेगी छूट.
1. बीमारी और दुर्बलता के कारण जो लोग वोट डालने नहीं पहुंच सकते।
2. 75 साल से ज्यादा उम्र के लोग।
3. 75 फीसदी या इससे ज्यादा विकलांग।
4. जो लोग पढ़ाई, एंट्रेंस या नौकरी के लिए किसी परीक्षा में व्यस्त हैं।
5. जॉब इंटरव्यू के लिए जाने वाले लोग।
6. शादी, अंतिम संस्कार या मेडिकल इमरजेंसी में फंसे हुए लोग।
7. मतदान की तारीख से पहले जो लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हों।
8. केंद्र, राज्य सरकार या प्राइवेट सेक्टर के तहत नौकरी करने वाले लोग, जिनका चुनाव से पहले ट्रांसफर किया गया हो।
9. वोटिंग वाले दिन गुजरात में मौजूद न हों तो।