इंदौर। शनिवार को अन्नापूर्णा मंदिर और रणजीत हनुमान मंदिर के बाहर भीख मांगने वाले बच्चों की भीड़ लगी थी। जैसे ही पुलिस के साथ टीम बच्चों को पक़डने पहुंची बच्चों और उनके माता-पिता ने चिल्लाना शुरू कर दिया। जैसे-तैसे 10 बच्चे पकड़ में आए। जब बच्चों को शेल्टर होम में रखने की बात आई तो कहीं जगह ही नहीं थी। अंततः बच्चों को फिर वापस भेज दिया।
चाइल्ड लाइन, पुलिस, महिला सशक्तिकरण ने शनिवार को बाल भिक्षुकों को पकड़ने की कार्रवाई की। अन्नापूर्णा मंदिर के बाहर से तीन और रणजीत हनुमान मंदिर के बाहर से सात बच्चे पकड़े। मौके पर ही माता-पिता और बच्चे जोर-जोर से रोने लगे। बच्चों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस वाले ज्यादा होने से भाग नहीं सके। चाइल्ड लाइन समन्वयक संतोष पटेल ने बताया कि बच्चों को मुक्त करवा लिया है। बाल कल्याण समिति के आदेश पर सभी बच्चों को फिलहाल माता-पिता के साथ भेजा है। माता-पिता ने थाने में लिखकर दिया है कि वे सोमवार को सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करेंगे। बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाएंगे। फिलहाल एक भी बच्चे का स्कूल में एडमिशन नहीं है।
संस्थाओं में बच्चों के लिए जगह नहीं
शुक्रवार को एक अनाथालय से 25 बच्चों को मुक्त करवाकर जीवन ज्योति राऊ, राजकीय बाल संरक्षण आश्रम और सागर संस्था में रखा है। संस्थाओं में पहले ही क्षमता से ज्यादा बच्चे पहुंच गए। शनिवार को मुक्त बाल भिक्षुकों को रखने के लिए जगह ही नहीं बची। शहर में सरकारी आश्रयगृह नहीं होने से अक्सर बच्चों को रखने की समस्या आती है।