शिवराज सरकार शिक्षित बेरोजगार युवाओं को गुमराह कर रही है। मात्र चुनाव के समय ही संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाती है ताकि चुनाव जीता जा सके। सरकार सिर्फ अपने चुनावी स्वार्थ को देख कर मात्र पांच साल में चुनाव के एक साल पहले संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करती है ताकि जनता उन्हें वोट दे दे।
ऐसा कारनामा यह सरकार 2005 से कर रही है 2005 से मात्र तीन बार यह देखाबटी प्रक्रिया की है जबकि बच्चो के हितो को देखते हुए केँद्र सरकार ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा नियम लागु किया गया था। जिसके तहत 2015 तक प्रत्येक स्कूल में शिक्षित शिक्षको की नियुक्ति की जाये ताकि बच्चो को अच्छी शिक्षा मिल सके लेकिन बेचारी शिवराज सरकार ने अतिथि शिक्षक को रखकर कामचलाऊ शिक्षा तो चालू की है अब बच्चो को शिक्षा मिले चाहे न मिले लेकिन वोट तो हमको ही मिलना चाहेये ⥑ अभी भी 125000 पद शिक्षको के खाली है में शिवराज मामा से पूछना चाहता हूं के ये पद आप इसी पंचवर्षी योजना में भरेंगे के अगली पंचवर्शी में जिसका आप ख्वाब देख रहे है।
शमीम खान उर्फ़ सोनू
मासाब हटा जिला दमोह