यहां 15 नहीं 18 अगस्त को मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के राणाघाट और कृष्णानगर में 15 नहीं 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह कार्यक्रम सामाजिक नहीं बल्कि सरकारी तौर पर होता है और इसे कानूनी मान्यता मिली हुई है।

आपको बता दें कि जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो पश्चिम बंगाल के राणाघाट और कृष्णानगर इलाकों को पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया। हिंदू मेजोरिटी वाले इन इलाकों के लोगों ने अंग्रेजों के फैसले का विरोध किया। इसके बाद 18 अगस्त 1947 को इन्हें भारत शामिल कर दिया गया।

अपनी ही सरकार से लड़ी लम्बी लड़ाई
यहां के लोग 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाना चाहते थे परंतु 18 अगस्त को झंडा फहराने की अनुमति नहीं थी। क्योंकि देश में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कानून बना हुआ है। इसके तहत आम नागरिकों को 23 व 26 जनवरी और 15 अगस्त के अलावा अन्य किसी दिन झंडा फहराना गैरकानूनी है। इसके बाद स्वतंत्रता सेनानी प्रमथनाथ शुकुल के पोते अंजन शुकुल ने 15 अगस्त के बदले 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने का आंदोलन शुरू किया। लंबी लड़ाई के बाद 1991 में केंद्र सरकार से उन दोनों इलाकों में 18 अगस्त को झंडा फहराने की अनुमति मिली। तब से हर साल 18 अगस्त को कृष्णानगर और राणाघाट में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता हैं।

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