भोपाल। व्यापमं के दाग मिटाने और अपनी साख बचाने के लिए शिवराज लगातार लोकलुभावन योजनाएं बना रहे हैं और इन्हे संचालित करने के लिए कर्जा लिए जा रहे हैं। 12 अगस्त को फिर 1500 करोड़ का कर्जा ले लिया, इससे पहले 13 जुलाई को 1500 करोड़ और 10 जून को 1000 करोड़ का कर्जा लिया था। अर्थ यह कि हर महीने हजार डेढ़ हजार करोड़ का कर्जा लिया जा रहा है। जिसे राज्य की जनता पर टैक्स लगाकर चुकाया जाएगा।
वित्त विभाग के अधिकारी इसे वित्तीय संकट जैसी स्थिति नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य की साढ़े पांच लाख करोड़ की जीएसडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के तीन प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता है। यही वजह है कि प्रदेश में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट के लिए यह राशि ली जा रही है। अब प्रदेश पर 108763.64 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है।