लिखीराम कावरे हत्याकांड: 3 नक्सलियों को आजीवन कारावास

आनंद ताम्रकार/बालाघाट। मध्यप्रदेश सरकार में कांग्रेस शासन काल के दौरान पूर्व मंत्री स्व.लिखीराम कावरे हत्याकांड में संलिप्त नक्सली नेता मदन वरकडे, संतोष मडावी एवं महिला नक्सली झिनिया बाई उर्फ रूकमा बाई टेकाम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

बालाघाट के विशेष प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री दीपक त्रिपाटी ने आज अपना फैसला सुनाया। यह उल्लेखनीय है की 15 सितम्बर 1999 को किरनापुर स्थित निवासगृह में मंत्री लिखीराम कावरे की नक्सलवादियों ने हत्या कर दी थी।

इस हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस ने 12 नक्सलीयों के विरूद्ध अपराध कायम कर मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया था इस मामले से जुडे 4 नक्सलवादीयों को पूर्व में ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चूकि है, 5 आरोपी नक्सली अभी भी फरार है तथा सभी नक्सली पीपूल्स फारग्रुप से जुडे बताये गये है।

आरोपी मदन वरकडे को 13 मार्च 2002 को तथा संतोष मरावी को 12 मार्च 2010 एवं महिला नक्सली झिनियां उर्फ रूकमा टेकाम को 14 अगस्त 2011 को गिरफतार किया था। यह उल्लेखनीय है की महिला नक्सली झिनियां दलम कमाण्डर सुरज टेकाम की पत्नी बताई गई है। इस हत्याकांड की जांच सीबीआई द्वारा की गई थी।

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