भोपाल। हरदा रेल हादसे में भले ही सरकारों ने एक आंकड़ा जारी कर इतिश्री कर ली हो परंतु लाशों की तलाश आज भी जारी है। देश के दूरदराज के इलाकों से लोग दुर्घटना स्थल पर आ रहे हैं और अपने परिजनों की तलाश कर रहे हैं। कुल कितनी मौतें हुईं और कितने लापता हैं, कोई रिकार्ड दर्ज नहीं किया जा रहा। वो अकेले ही अपने परिजनों के शव यहां वहां तलाश रहे हैं। उन्हें कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिल रही है। ग्रामीण की सहायता से वो दूर दूर तक फैली हुईं लाशों को तलाशने का प्रयास कर रहे हैं।
जिला मुख्यालय हरदा से करीब 20 किमी की दूरी पर खिरकिया के पास हुए कामयानी -जनता एक्सप्रेस भीषण रेल हादसे 5 दिन से ज्यादा का समय हो चला है। इन पांच दिनों दुर्घटना में दर्जनों शव मिले कई आज भी लापता हैं, दिन भर दूर-दराज से लोगों का हादसास्थल पर आने के सिलसिला लगातार जारी है जिसका कारण खासा दर्दनाक है। दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद अपनों की तलाश में अब उनके परिजन पटरी पटरी देख रहे है।
शुरूआती दिनों में मिली लाशों के बाद अब प्रशासन ने रिकार्ड रखना बंद कर दिया है। लोग अपने अपने परिजनों की तलाश यहां वहां कर रहे हैं। जिन्हें शव मिल जाते हैं वो जैसे तैसे उन्हें ले जाते हैं। कुल कितनी मौतें हुईं और कितने लापता हैं, कोई रिकार्ड नहीं है।