जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों को नियमित कर गुरुजी की तरह लाभ देने का महत्वपूर्ण आदेश सुनाया है। इसका पालन करने के लिए तीन माह का समय दिया गया है।
न्यायमूर्ति एसके गंगेले की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी संध्या बर्मन, गेंदालाल, नरेश कुमार तिवारी, मुन्नालाल लोधी, अभिषेक कुमार लोधी, संतोष कुमार सोनी, मनीष कुमार महले, वीरेन्द्र कुमार और ओमप्रकाश इनवाती का पक्ष अधिवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी, आनंद शुक्ला, राकेश गौतम ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता कई सालों से स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। अतिथि शिक्षक के रूप में इन्हें नाममात्र का वेतन दिया जाता है। इस न्यूनतम राशि से जीवन-यापन मुश्किल है। अनुभव व योग्यता को देखते हुए इन्हें संविदा शाला शिक्षा वर्ग-तीन बनाया जा सकता है। साथ ही पात्रता परीक्षा बीएड-डीएड की बाध्यता से भी मुक्त रखा जाना चाहिए। इसी तरह आयुसीमा में भी छूट अपेक्षित है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद याचिकाकर्ताओं को स्कूल शिक्षा सचिव को आवेदन देने कह दिया। जिसके बाद तीन माह के भीतर लाभ प्रदान किए जाएंगे।