मंडला। मंडला थाना क्षेत्र के कुसमी गांव में मारपीट के आरोपी को पकड़ने गए एक एएसआई और दो पुलिसवालों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस वालों ने आरोपी को दौड़ाकर पीटा है। पुलिस अधिकारी जब मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मांग के अनुसार जब आरोपी की मेडिकल जॉच कराई जिसके बाद ही पुलिस वाले छूटे।
घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक एपी शर्मा ने बताया कि 14 अगस्त को दाड़ी भानपुर ग्राम पंचायत के एक गांव खम्हरिया में एक अध्यापक और पालक शिक्षक संघ के सदस्य के बीच झंडारोहण को लेकर विवाद था। ऐहतियातन एक सहायक उपनिरीक्षक, एक हवलदार और एक आरक्षक को खम्हरिया गांव 15 अगस्त को भेजा गया था।
झंडारोहण शांतिपूर्वक कराने के बाद पुलिस वाले लौटते में कुसमी गांव चले गए जहां पहले से एक शिकायत दर्ज थी उसके मामले में आरोपी को पकड़ने पहुंचे। आरोपी सही लाल पुलिस को देखते ही भागा तो वह एक गोबर में गिर गया और सन गया। इससे वहां हरियाली उत्सव मना रहे ग्रामीणों में आक्रोश आ गया और करीब 25 की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस वालों को वहीं बिठा लिया।
इस बात की सूचना पुलिस अधीक्षक को पूर्व विधायक तुलसीराम धूमकेती से मिली थी। ग्रामीणों की मांग के अनुसार जब एसडीओपी केपी धुर्वे बिछिया से एक डाक्टर लेकर गए और मौके पर ही आरोपी सही लाल का मेडिकल कराया गया। जब उसके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं पाए गए तब पुलिस को छोड़ा गया।
पुलिस बल मौके पर
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिलने पर मंडला से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमकार कलेष, एसडीओपी बिछिया केपी धुर्वे, बिछिया व मवई, मंडला से भी बल पहुंच गया था।
बंधक नहीं बनाया, बस बिठा लिया था
आरोपी को पकड़ने गए पुलिस कर्मियों को बंधक नहीं बनाया गया था। उन्हें ग्रामीणों ने बिठा लिया था। उनकी मांग थी कि पुलिस वालों ने आरोपी को दौड़ाकर मारा है। डाक्टर मेडिकल करेगा। तब पुलिस वाले जाएंगे। मेडिकल हुआ और चोट के कोई निशान नहीं पाए गए।
एपी शर्मा, पुलिस अधीक्षक