जबलपुर। सामान्यत: पुरुषों से प्रताड़ित महिलाएं आत्महत्या जैसे कदम उठातीं हैं परंतु यहां एक महिला अधिकारी से परेशान कर्मचारी ने जहर खा लिया। उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वो इसी कॉलेज का कर्मचारी है और अपनी डीन से परेशान है।
पीड़ित कर्मचारी दिनेश गुर्जर ने अपने बयान में कहा है कि मेडिकल कॉलेज से 300 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नौकरी से अलग कर दिया गया है। तीन महीनों से इन्हें तनख्वाह भी नहीं मिली है। यह कर्मचारी नियमित तौर पर कॉलेज में आ रहे हैं और कॉलेज प्रबंधन इनसे काम भी ले रहा है। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन तनख्वाह देने के लिए राजी नहीं है। तीन महीने से तनख्वाह नहीं मिलने और राखी जैसे त्योहार सामने होने पर बेबस दिनेश ने जहर खा लिया।
कर्मचारी दिनेश गुर्जर को गंभीर हालत में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया है। दिनेश ने अपने बयान में कॉलेज की डीन डॉ. आरआर चौहान और अधीक्षक डॉ डीके गुहा पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
दैनिव वेतन भोगी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वाल्मिकी शुक्ला ने आरोप लगाया कि बगैर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का काम नहीं चलता है. इस वजह से नौकरी से निकाले जाने का तानाशाही भरा फैसला लेने के बाद भी कर्मचारियों से बगैर वेतन लिए काम कराया जा रहा है। अब दिनेश की खुदकुशी की कोशिशों के बाद कर्मचारियों का आंदोलन तेज होने की आशंका जताई जा रही है।