ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने एकल पीठ व नगर निगम के फैसले को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि पति द्वारा छोड़ी गई, तलाकशुदा और विधवा महिला को भी अपने माता-पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार है। इसलिए नगर निगम महिला के आवेदन पर तीन महीने में विचार कर उस पर फैसला ले।
महिला ने माली पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए नगर निगम में आवेदन किया था। नारायणी देवी नगर निगम में माली के पद पर कार्यरत थीं। उनकी मौत के बाद नारायणी देवी की बेटी ममता बाथम ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए नगर निगम में आवेदन किया।
नगर निगम ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह शादीशुदा है। इसके बाद ममता ने हाई कोर्ट की एकल पीठ में याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। एकल पीठ के आदेश के खिलाफ युगल पीठ में रिव्यू पिटिशन दायर की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एचके शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि अनुकंपा नियुक्ति नियम 2014 में नियुक्ति को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है।
ऐसी महिला जिसका तलाक हो चुका है, पति ने उसे छोड़ दिया है या विधवा है और वह अपने माता-पिता के यहां रह रही है तो उसे माता-पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार है। ममता अपने माता-पिता के घर रह रही है, इसके बावजूद नगर निगम ने अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद नगर निगम को निर्देशित किया कि तीन महीने में ममता के आवेदन पर विचार करें।