भोपाल। तबादले को लेकर कोर्ट से स्टे ले चुके सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसर्स को भोपाल बुलाया गया है। वहां उच्च शिक्षा विभाग के आला अफसरों के सामने इन प्रोफेसर्स को स्टे लेने का कारण बताना है। यह प्रक्रिया 9 सितंबर तक चलेगी। कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने सुनवाई रखकर इनका पक्ष जानना चाहा है।
तीन महीने पहले प्रदेश भर के सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसर्स का तबादला कर दिया गया था। इसमें प्रोफेसर्स, स्पोर्ट्स ऑफिसर व लाइब्रेरियन शामिल हैं। करीब 100 शिक्षकों ने तबादले के खिलाफ कोर्ट से स्टे ले रखा है। इसके चलते ये लोग अब तक नई जगह नहीं गए हैं। अगस्त के आखिर सप्ताह में इन लोगों को विभाग के आयुक्त ने नोटिस भेजकर इन्हें अपना पक्ष रखने को कहा है। 1 से 9 सितंबर तक इन शिक्षकों को अलग-अलग तारीख दी गई है। अतिरिक्त संचालक डॉ. आरसी वर्मा ने बताया कि शिक्षकों को पक्ष सुनने के बाद विभाग निर्णय लेगा।
आदेश को करेंगे रिव्यू
सुनवाई के बाद विभाग तबादले के आदेश को रिव्यू करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इसके बाद जल्द ही इन स्टे मामलों में निर्णय लिया जाएगा। संभवतः अक्टूबर के पहले इनकी सूची जारी कर दी जाएगी।
कई कॉलेजों में प्रोफेसर्स की कमी
विभाग ने सरकारी कॉलेजों में तबादले किए थे। स्टे ले चुके प्रोफेसर्स की वजह से कई कॉलेजों में पढ़ाने वालों की कमी हो चुकी है। मामले में कॉलेज प्रबंधन ने जानकारी विभाग को दे दी है। शिक्षकों की कमी के चलते कॉलेजों में छात्रों को पढ़ने के लिए परेशानी आ रही है।