यदि घर में कामवाली बाई लगाई तो जेल जाओगे

योगिमा शर्मा/भोपाल। कामवाली बाई, ड्रायवर या घरेलू नौकरों को अब तक आप सीधे बात करके काम पर रख लेते थे, परंतु अब ऐसा किया तो इसे बंधुआ मजदूरी माना जाएगा और आपको जेल भेज दिया जाएगा। मोदी सरकार इसके लिए नया कानून बनाने जा रही है।

यह कदम असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे करीब 3 करोड़ लोगों के बुनियादी अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें पेड लीव सहित दूसरे बेनेफिट्स दिलाने के इरादे से उठाया जा सकता है। इस प्रस्ताव के नियम बन जाने के बाद इसका उल्लंघन करने वाले मुश्किल में पड़ सकते हैं। प्लेसमेंट एजेंसी के बजाय किसी भी अन्य जरिए से डोमेस्टिक वर्कर रखने पर बंधुआ मजदूरी का मामला बन जाएगा और फिर उससे जुड़े कानून के मुताबिक सजा मिलेगी।

श्रम मंत्रालय घरेलू कामगारों के लिए एक राष्ट्रीय नीति के बारे में कैबिनेट नोट जल्द जारी कर सकता है। इस प्रस्ताव के मुताबिक, डोमेस्टिक वर्कर की सोशल सिक्यॉरिटी के लिए पेमेंट का जिम्मा एंप्लॉयर पर होगा। इसके अलावा वर्कर को एक महीने की पेड ऐनुअल लीव, दो महीने की मैटरनिटी लीव और एक वीकली ऑफ देना होगा। अधिकारी ने कहा, 'पहली बार देश में डोमेस्टिक वर्कर्स के अधिकारों के लिए एक नीति बनेगी।'प्रस्ताव के मुताबिक, डोमेस्टिक वर्कर और उन्हें काम पर रखने वाले व्यक्ति को एक कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत करने होंगे, जिसकी बातें दोनों पक्षों को माननी होंगी।

अधिकारी ने कहा, 'इस मामले में प्लेसमेंट एजेंसी अग्रीमेंट में थर्ड पार्टी होगी। इसके अलावा अग्रीमेंट में ट्रेड यूनियनों के दो प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा ताकि कर्मचारी को उसके अधिकारों से वंचित न किया जा सके।' ड्राफ्ट अग्रीमेंट को अंतिम रूप दिया जा रहा है और दो सप्ताह के भीतर इसे संबंधित पक्षों के सामने विचार-विमर्श के लिए रखा जा सकता है।

इसमें प्रस्ताव किया गया है कि एंप्लॉयर को अनिवार्य रूप से एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन और एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन में अंशदान करना होगा ताकि एंप्लॉयी को मेडिकल और लाइफ कवरेज दिया जा सके। प्रस्ताव के मुताबिक, उचित आवास की व्यवस्था भी करनी होगी।

इस प्रस्ताव का ट्रेड यूनियनों ने स्वागत किया है, लेकिन उनका कहना है कि इसे लागू करने के लिए और कदम उठाने होंगे। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस के ए के पद्मनाभन ने कहा, 'पॉलिसी बनाने से ही काम नहीं चलेगा। कानून भी बनाना होगा ताकि सभी वर्कर्स को सोशल सिक्यॉरिटी मिल सके।'

प्लेसमेंट एजेंसियां आमतौर पर एंप्लॉयर से 10 दिनों के वेतन के बराबर रकम फीस के रूप में और एंप्लॉयी से 100 रुपये लेती हैं। एजेंसी के पास रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सेल्फ डिक्लेयरेशन देना होगा कि संबंधित व्यक्ति डोमेस्टिक वर्कर है। प्रस्ताव के मुताबिक, एजेंसी को देखना होगा कि उसके पास रजिस्टर हुए लोगों का समय पर प्लेसमेंट हो जाए और अगर ऐसा नहीं हो सका तो उसे संबंधित व्यक्ति को मुआवजा देना होगा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!