नई दिल्ली। मोदी ने देश का दिल तोड़ दिया है लेकिन फिर भी ये देश मोदी के साथ है। लोग आज भी मोदी को कांग्रेस से बेहतर मानते हैं परंतु अब वो मोदी में सुधार चाहते हैं। देशभर में मोदी के प्रति अभी ठीक वैसी ही नाराजगी है जैसे घर के बड़े बेटे से हुआ करती थी, उसे घर से निकालने का विचार देश नहीं बनाया है। मोदी के मैनेजर्स इसे अलार्मिंग सिचुएशन मान सकते हैं। यदि बड़ा बेटा नहीं सुधरा और देश ने निकाल दिया तो...?
एबीपी न्यूज-नीलसन के सर्वे में कई हकीकत दिखाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
- 37 फीसदी लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का मोदी ने वायदा निभाया।
- 59 फीसदी लोगों का कहना था कि मोदी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कुछ नहीं किया।
- 4 फीसदी लोगों ने कुछ नहीं कहा।
- 43 फीसदी लोग मानते हैं कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफा नहीं मांगने से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई है।
- 40 फीसदी इससे सहमत नहीं हैं।
- 17 फीसदी स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने से बचे।
- महंगाई के मुद्दे पर
- 67 फीसदी लोगों का कहना है कि मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी नहीं आई है।
- 31 फीसदी बताते हैं कि महंगाई कम हुई है।
- आज की तारीख में चुनाव होने की स्थिति में
- 52 फीसदी लोग एनडीए को वोट देंगे
- 17 फीसदी वोट यूपीए को जाएंगे।
- 21 फीसदी लोगों का मन अन्य दलों की ओर है।
8 से 10 अगस्त के बीच अहमदाबाद, बेंगलुरू, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, लुधियाना, मुंबई, पटना जैसे देश के बड़े शहरों में एबीपी न्यूज-नीलसन ने सर्वे कराया था, जिसमें 3944 लोगों की राय ली गई थी।