मंदिर और स्कूल के बीच शराब की दुकान क्यों: हाईकोर्ट

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गाडरवारा में 150 साल पुराने खिरका मंदिर व शासकीय स्कूल के बीच कोऑपरेटिव की जमीन पर दारू का अड्डा संचालित किए जाने के मामले में कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए। यह जिम्मेदारी कलेक्टर नरसिंहपुर व आबकारी अधिकारी को सौंपी गई है। गुरुवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस सुशील कुमार गुप्ता की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई।

इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता गाडरवारा निवासी नवनीत काबरा का पक्ष अधिवक्ता सौरभ भूषण श्रीवास्तव ने रखा। उन्होंने दलील दी कि कोऑपरेटिव की जमीन पूर्व में अशोक सराठे नामक व्यक्ति को किराए में दी गई थी, जिसने हरिओम चौधरी को किराए पर दे दी। चौधरी ने वहां देशी शराब का धंधा शुरू कर दिया।

लिहाजा, मामला अदालत पहुंच गया। सिविल सूट की सुनवाई के बाद अदालत ने कोऑपरेटिव के हक में आदेश सुनाया। इसके बाद 2015 में वंशिका कंस्ट्रक्शन ने उसी जमीन पर दारू का अड्डा खोल लिया। इसी रवैये के खिलाफ व्यापक जनहित में हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।

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