भोपाल। वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी। गांव में कई पुरुषों से संबंध बनाए परंतु फिर भी संतोष नहीं हुआ। वो दूसरी शादी करना चाहती थी, लेकिन एक बेटा गोद में था, उसके रहते दूसरी शादी कैसे करती। इसलिए बेटे की हत्या कर दी।
मामला छतरपुर जिले से 22 किमी दूर महाराजपुर थाने का है। यहां के बर्रोई गांव के रहने वाले परशुराम तिवारी की पत्नी ज्योत्स्ना ने अपने अबोध बच्चे (रमाशंकर) की कुल्हाड़ी से काटकर और फिर पत्थर पटक कर हत्या कर दी। इतना ही नहीं, उसका शव बोरी में बंद करके घर में ही रखे भूसे में छुपा दिया। उसका मकसद मौका मिलते ही लाश को ठिकाने लगाने का था।
पति की जुबानी...
परशुराम के मुताबिक, '4 अगस्त से बच्चा गायब था। मैंने पत्नी से पूछा कि बच्चा कहां गया, तो उसने बताया कि पड़ौसी उसे खिलाने-घुमाने ले गया है। जब बहुत देर तक वो नहीं लौटा, तो मैंने ज्योत्सना सख्ती से पूछा। वह यहां-वहां का बहाना बनाती रही और मौका पाकर घर से भाग निकली लेकिन मेरे भतीजे ने उसे बस में बैठे हुए देख लिया और फिर हम उसे पकड़कर लाए।
बदबू से पता चला...
परशुराम ने इस बीच थाने में भी रिपोर्ट लिखा दी थी। 2 दिन बाद घर में जब लाश के कारण बदबू फैलने लगी, तब ऊपर के कमरे(अटारी) में जाकर देखा तो, वहां भूसे में एक बोरी रखी थी। उसमें बेटे की लाश थी।
पुलिस के मुताबिक
महाराजपुर थाना प्रभारी जीडी अहिरवार के मुताबिक उम्रदराज परशुराम की शादी नहीं हो पा रही थी। वह उड़ीसा से ज्योत्सना को खरीदकर लाया था। बाद में उसने शादी कर ली। ज्योत्सना का गांव में मन नहीं लग रहा था। इस बीच उसने बच्चे को जन्म दिया। ज्योत्सना पति से संतुष्ट नहीं थी। पड़ताल से खुलासा हुआ कि, उसके गांव में कई पुरुषों से शारीरिक संबंध भी बन गए थे। वह दूसरी शादी करना चाहती थी, लेकिन बच्चा उसके इस मकसद में रोड़ा बन रहा था। इसलिए उसने अपने ही बेटे की हत्या कर दी।