मदुरै। मद्रास हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि विवाहेतर संबंध रखने के आधार पर जिस महिला को तलाक दिया गया है वह अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता का दावा नहीं कर सकती है। महिला उसी पुरुष से गुजारा का दावा कर सकती है जिसके साथ उसने संबंध बनाए हैं।
न्यायमूर्ति एस नागमुतु ने कहा कि वैवाहिक जीवन खत्म होने से पहले यौन जवाबदेही के खिलाफ जाने वाली को गुजारा भत्ता का अधिकार नहीं है। अपने फैसले में उन्होंने कहा है कि दूसरे पुरुष के साथ संबंध रखने वाली पत्नी तलाक देने वाले पति से गुजारा भत्ता का दावा नहीं कर सकती।
न्यायाधीश ने यह फैसला एक सरकारी कर्मचारी की पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कर्मचारी ने रामनाथपुरम प्रिंसिपल जिला एवं सत्र अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने कर्मचारी को अपनी पूर्व पत्नी को 1000 रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। विवाहेतर संबंध रखने के आधार पर कर्मचारी ने पत्नी को 2011 में तलाक दिया था।
न्यायाधीश ने कहा है एक पुरुष अपनी तलाकशुदा पत्नी का गुजारा खर्च देने के लिए जवाबदेह है। महिला पर भी किसी अन्य पुरुष के साथ अवैध रिश्ता नहीं रखने की जवाबदेही है। दूसरे पुरुष के साथ संबंध रखने वाली तलाकशुदा पूर्व पति से गुजारा भत्ता का दावा करने की योग्यता खो देती है। इसकी जगह महिला उसी पुरुष से गुजारा खर्च लेने की हकदार है जिसके साथ उसके संबंध हैं।