भोपाल। जिला पंचायत ग्वालियर के सीईओ एलैय्याराजा टी पर सामंती कार्रवाईयों का आरोप लगाया गया है। आरोप में कहा गया है कि एक ही प्रकार की गलतियों के लिए सीईओ कर्मचारियों को अलग अलग तरह के दण्ड देते हैं। अनुपस्थिति के मामले में 11 प्रधान अध्यापकों को नोटिस दिया गया, इनमें से 10 की वेतनवृद्धि रोकी जबकि 1 को सस्पेंड कर दिया गया। पढ़िए यह शिकायत:
प्रति,
श्रीमान संपादक महोदय
भोपाल समाचार,भोपाल
मप्र
विषयः-मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, ग्वालियर द्वारा विद्यालय निरीक्षण उपरांत नियम विरुद्ध श्री शिवराम सिंह तोमर प्रअ के निलंबन व अन्य स्टाफ के वेतन राजसात करने की कार्यवाही रुकवाने बाबत।
महोदय,
उपरोक्त विषय में आपसे करबद्ध निवेदन है कि, शासकीय प्राथमिक विधालय 7 वीं बटालियन का समस्त स्टाफ पूर्ण निष्ठा से निर्धारित समय में उपस्थित रहकर शिक्षण कार्य करवाते हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर द्वारा दिनांक 21.08.2015 को समय 3.20 बजे औचक निरीक्षण किया गया,शाला के टाइम टेबल के अनुसार 3.30 बजे से खेलकूद का पीरियेड होता है किन्तु अत्यधिक गर्मी व स्टाफ की अनुपलब्धता के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी के समक्ष ही छात्रो को छोड दिया गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा विधालय व्यवस्थापन के सम्बंध में प्र0अ0से चर्चा की व शाला का अभिलेख का अवलोकन किया यद्धपि समय से पूर्व छात्रों को छोडे जाने पर अप्रसन्नता भी व्यक्त की किन्तु कारण बताये जाकर श्रीमान को सन्तुष्ट कर दिया गया। वस्तुतःशाला के चार शिक्षक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण हेतु गये हुये थे।
एक शिक्षिका असवस्थता अवकाश पर थी। एक शिक्षक जो पक्षाधात से पीडित होकर भी शिक्षण कार्य करते है, अचानक गिर जाने व चोट लग जाने के कारण स्टाफ द्वारा घर भेज दिये गये थे। वस्तुस्थिति से मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अवगत करा दिया गया था। उपरांत इसके मुख्य कार्यपालन अधिकारी के निर्देश पर जिला शिक्षा समन्वयक द्वारा प्र0अ0व स्टाफ को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिनांक 25.08.2015 को समय सायं 5.00 बजे मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय में समक्ष में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया।
नियत तिथि व समय पर प्र0अ0 व स्टाफ अपना अपना लिखित प्रतिवंदन प्रस्तुत करने हेतु उपस्थित हुये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सभी के जवाब प्रतिवेदन पृथक पृथक प्राप्त करते हुये न तो कोई प्रतिवंदन पढा न ही किसी को भी अपना पक्ष रखने का अवसर दिया।प्र0अ0व स्टाफ को दोषी मानते हुये दण्ड आरोपित कर जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी कर दिये। नियम विरुद्ध की गई कार्यवाही के संबंध में निवेदन है कि-
1.समक्ष में जवाब प्रस्तुत करने हेतु बुलाये गये ग्यारह प्रधानाध्यापकों में से दस की दो-दो वेतन वृद्धि रोकी गई जबकि श्री शिवराम सिंह तोमर प्रअ को निलंबित करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को जारी किये गये ,सभी पर एक ही दोषारोपण के उपरांत श्री शिवराम सिंह तोमर प्र0अ0 के निलंबन की कार्यवाही की गई जो नियम विरुद्ध है।
2. निरीक्षण दिनांक से दो दिवस पूर्व से असवस्थता अवकाश पर होने के बाबजूद श्रीमती शशि लक्षणे का सात दिवस का वेतन राजसात किया जाना नियम विरुद्ध है।
3.राजेन्द्र सिंह कौरव सहायक शिक्षक जो पक्षाधात से पीडित होकर भी शिक्षण कार्य करते है,अचानक गिर जाने व चोट लग जाने के कारण स्टाफ द्वारा धर भेज दिये गये थे श्रीमान को अवगत करवाने के उपरांत भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर एक दिवस का वेतन राजसात करना उचित नहीं था।
4.निरीक्षण के समय उपस्थित पाये गये प्रधानाध्यापक श्री शिवाराम सिंह तोमर, सहायक शिक्षक श्री शरद चन्द्र द्विवेदी, सहायक अध्यापक श्रीमती नीरा भदौरिया व श्रीमती संगीता माहौर को भी दोषी मानते हुये क्रमशःनिलंबन,एक दिवस,एक दिवस व सात दिवस का वेतन नियमविरुद्ध राजसात किया जाकर शिक्षकों के साथ अन्यायपूर्ण कृत्य किया है।
5.कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब प्रस्तुत करने हेतु विभिन्न विधालयों से बुलाये गये शिक्षकों पर एक ही दोष आरोपित किया जाना नियमविरुद्ध होकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी के साथ निरीक्षण में आये कर्मचारी द्वारा कूटरचना के तहत संदेहास्पद प्रतीत होता है।
अतःश्रीमान जी से करबद्ध प्रार्थना है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर द्वारा नियमविरुद्ध की गई कार्यवाही जिससे शिक्षकों की मानहानि हुयी एवं मनोबल गिरा है को तत्काल प्रभाव से अवरुद्ध करने ,श्री निर्दोष प्रधानाध्यापक श्री शिवराम सिंह तोमर के निलंबन की कार्यवाही व अन्य शिक्षकों के वेतन राजसात करने की कार्यवाही रुकवाने हेतु निर्देश देने की कृपा करें।जिससे शिक्षक पूर्ण मनोभाव से शैक्षणिक कार्य सम्पन्न करावें।
आदर सहित
निवेदक
स्थान-ग्वालियर
प्रधानाध्यापक व समस्त अधोहस्ताक्षरित शिक्षक
शास0प्रा0विधालय 7 वीं बटालियन,मुरार ग्वा0