नईदिल्ली। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तोड़ा गया हिंदू मंदिर फिर से निर्माण करें और इस आदेश की किसी भी सूरत में अवहेलना ना करें। यह मंदिर कट्टरपंथियों ने ढहा दिया था।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश जवाद एस. ख्वाजा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने दिया।मामले में अगली सुनवाई सात सितंबर को होनी है। अदालत ने नेशनल असेंबली के सदस्य रमेश कुमार वनकानी, प्रांतीय गृह सचिव अरबाब मोहम्मद आरिफ और उपायुक्त शोएब जादून को टेरी गांव में स्थित श्री परमहंस महाराज की समाधि का फिर से निर्माण करने की योजना तैयार करने का आदेश दिया है।
यह मंदिर उस जगह पर है, जहां 1919 में श्री परमहंस की समाधि बनाई गई थी। उनके अनुयायी 1997 तक इस मंदिर में आते रहे, लेकिन कुछ कट्टरपंथियों ने इसे ढहा दिया।
उपायुक्त जादून ने अदालत को बताया कि मंदिर के पुनर्निर्माण संबंधी पूर्व आदेश का पालन किया गया है और मंदिर की चारदीवारी खड़ी करवाई गई है। उन्होंने कहा, 'हमने मौलवी इफ्तिखारुद्दीन के घर से होकर समाधि पर जाने का अधिकार भी दिया है। पूर्व में मंदिर पर इफ्तिखारुद्दीन का अधिकार था।'