भोपाल। “अगर आपने किसी रिश्तेदार को बिना बताए उसके नाम कोई प्रॉपर्टी ले रखी है तो सरकार वह सीज कर लेगी। अगर आयकर विभाग की पूछताछ में वह प्राॅपर्टी खुद के नाम होने से इनकार कर दे। बेनामी प्रॉपर्टी रखने के आरोप में आपको और आपके रिश्तेदार दोनों को प्रॉपर्टी के प्रचलित मूल्य पर 25-25 फीसदी जुर्माना भी देना होगा। ये प्रावधान डोमेस्टिक ब्लैक मनी बिल-2015 में हैं। संसद के मानसून सत्र में इस बिल के पास होने की पूरी संभावना थी।’
यह बात प्रसिद्ध डायरेक्ट टैक्स विशेषज्ञ संजय झंवर ने कही। वे यहां टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में ब्लैक मनी पर बोल रहे थे। झंवर ने कहा कि सरकार विदेशी ब्लैक मनी को लेकर कानून बना चुकी है। अब डोमेस्टिक ब्लैक मनी पर नियंत्रण रखने के लिए नया बिल लाया जा रहा है। सरकार यह मानती है कि सबसे अधिक ब्लैक मनी रियल एस्टेट सेक्टर में है। इसलिए इस बिल में सख्त प्रावधान से इस पर नियंत्रण किया जाएगा।
बिल में यह भी साफ है कि जमीन की पाॅवर ऑफ अटॉर्नी रखने वाले को ही जमीन का वास्तविक मालिक माना जाएगा। यह देखने में आया है कि लोग अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के व्यक्ति के स्वामित्व वाली जमीन अपने उसी जाति के नौकर आदि के नाम खरीद लेते हैं। और उससे पॉवर ऑफ अटॉर्नी ले लेते हैं। रियल एस्टेट के बाद पब्लिक प्रिक्योरमेंट यानी सरकारी खरीद देश में कालेधन का सबसे बड़ा स्रोत है।
तब लगे थे सिर्फ 30 सेकंड
झंवर ने कहा कि विदेशी कालेधन से जुड़े बिल को पास करने में सरकार को महज 30 सेकेंड लगे थे। ऐसे में इस बिल को पास करने में 45 सेकेंड से ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को इस पर कोई ऐतराज नहीं है।
इनमें भी होता है काल धन जमा
>व्यापार पर आधारित मनी लॉन्डरिंग
>टैक्स को बचाने के उपाय बताने वाले माध्यम
>नकद पर आधारित अर्थव्यवस्था
>वित्तीय बाजार में होने वाले लेन-देन
>सोना-चांदी का कारोबार