ग्वालियर। देशभर में चर्चा का केन्द्र बने महिला जज के यौन उत्पीड़न मामले में जांच कमेटी ने आरोपी हाईकोर्ट जस्टिस को निर्दोष माना है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने जांच रिपोर्ट की एक कॉपी शिकायतकर्ता को देने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में शिकायतकर्ता महिला जज ने कोई बयान नहीं दिया है।
हाईकोर्ट के जस्टिस एसके गंगेले जब ग्वालियर में पदस्थ थे, उस दौरान महिला सत्र न्यायाधीश ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे, इसकी शिकायत हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एएम खानबिलकर से की थी। उन्होंने मामले की जांच के लिये कमेटी गठित की थी। शिकायतकर्ता उस कमेटी की जांच से संतुष्ट नही थी। लिहाजा चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया को महिला जज ने शिकायत की।
इसके बाद मामले की जांच के लिये सीजेआई ने राजस्थान हाईकोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की संयुक्त जांच कमेटी बनाई। घटना के बाद महिला जज ने अगस्त 2014 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
जांच कमेटी ने दोनों पक्षों को सुना। सूत्र बताते हैं कि पिछले सप्ताह जांच रिपोर्ट सीजेआई को भी सौंप दी गई। गौरतलब है कि आरोप लगने के बाद जस्टिस गंगेले को ग्वालियर से जबलपुर हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया था। वहीं राज्यसभा में 58 सांसदों ने उनके खिलाफ अभियोग चलाने की भी अनुशंसा की थी। न्यायाधीश गंगेले को जांच कमेटी द्वारा क्लीनचिट मिलने से लगभग इस मामले का पटाक्षेप होता नजर आ रहा है।