भोपाल। दमोह जिला पंचायत की महिला उपाध्यक्ष की गिरफ्तारी को लेकर प्रदेश भर से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। एक अधिकारी का स्टिंग करने के बदले में महिला उपाध्यक्ष को जेल भेज दिया गया था। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि अधिकारी इस तरह हावी होने लगे तो काम करना असंभव हो जाएगा।
विवाद मत्स्य विभाग की अधिकारी अनिता चौधरी एवं जिला पंचायत दमोह की उपाध्यक्ष रामबाई के बीच का है। रामबाई का कहना है कि जब वो मत्स्य विभाग के आफिस पहुंची तो बताया गया कि अधिकारी दौरे पर हैं परंतु सूत्रों ने बताया कि अधिकारी तो घर पर आराम कर रहीं हैं। बस फिर क्या था उपाध्यक्ष रामबाई केमरा लेकर वहां जा पहुंची और घर पर आराम कर रहीं अधिकारी अनीता चौधरी का वीडियो बना लिया।
इसके बाद दोनों के बीच काफी विवाद हुआ। महिला अधिकारी ने महिला उपाध्यक्ष के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी। यहां तक भी ठीक था परंतु गुरूवार को पुलिस ने महिला उपाध्यक्ष को गुपचुप गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया।
इस कार्रवाई के बाद प्रदेश भर से जनप्रतिनिधियों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों से जनता का काम करवाने के लिए दवाब बनाना ही पड़ता है। अधिकारी तो विधायकों एवं मंत्रियों की भी नहीं सुनते। यदि इस तरह वो जनप्रतिनिधियों को जेल भिजवाने लगे तो जनता का काम कराना असंभव हो जाएगा। जनप्रतिनिधियों का सम्मान ही नहीं बचेगा।