मप्र की अदालतों में मिलेगा फटाफट न्याय

जबलपुर। मप्र की अदालतों में अब आरोपी तारीख पर तारीख बढ़वाकर मामलों को लम्बा नहीं खींच पाएंगे। मप्र सरकार ने यदि बजट पास कर दिया तो अदालतों में लाइव ट्रायल शुरू हो जाएगा और फटाफट फैसले सुनाए जा सकेंगे। न्यायहित में यह एक बड़ा कदम होगा।

मप्र उच्च न्यायालय के आईटी विभाग ने इस ट्रायल का पूरा प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया है। इस योजना में प्रदेश के 500 निचली अदालतें को एसपी ऑफिस, अस्पताल, फोरेंसिक एवं जेल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ने का प्रस्ताव है। अभी प्रदेशभर में 9 लाख 14 हजार 332 क्रिमिनल केस लंबित हैं

गायब नहीं हो सकेंगे अधिकारी
केसों के निपटारे में देरी के लिए विवेचना अधिकारी व डॉक्टर भी कारण माने जाते हैं। ये समय पर या तो अपनी रिपोर्ट पेश नहीं करते या फिर न्यायालय में पेश नहीं होते। ऐसी स्थिति में प्रकरण को दूसरी तारीख के लिए टाल दिया जाता है। लाइव ट्रायल में ऐसा नहीं हो सकेगा।

लाइब्रेरी में रहेगी रिकॉर्डिंग
कोर्ट रूम से होने वाली लाइव ट्रायल की रिकॉर्डिंग की जाएगी। यह रिकार्डिंग की तारीख व प्रकरण क्रमांक के हिसाब से कोर्ट में सुरक्षित रखी जाएगी। जिसे कभी भी हाईकोर्ट द्वारा चेक किया जा सकेगा।

12 लाख होने वाली है पेंडेंसी
मप्र की निचली अदालतों में लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है। विभिन्न न्यायालयों में 11 लाख 86 हजार 645 प्रकरण लंबित हैं। इसमें क्रिमिनल केस 9 लाख 14 हजार 332 और सिविल केस 2 लाख 72 हजार 313 हैं। कानूनविद मानते हैं कि यह संख्या लगातार बढ़ रही है और यदि लाइव ट्रायल शुरू होती है तो काफी हद तक निपटारा तेज हो सकेगा।

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