भोपाल। नगरनिगम ने शिक्षित बेरोजगार और विधवाओं के साथ एक गंदा मजाक कर डाला। दुकानों के आवंटन में इस आरक्षित वर्ग को 50 लाख वाली दुकानें रिजर्व कर दीं गईं, जबकि सामान्य व्यापारियों के लिए 15 लाख वाली दुकानें उपलब्ध हैं।
यह षडयंत्र इसलिए किया गया है ताकि आरक्षित वर्ग दुकानें खरीदने से इंकार कर दे और निगम अनारक्षित में बदल कर दूसरे लोगों को बेच दे। यह आरोप कांग्रेस पार्षदों ने बैरागढ़ मल्टीलेवल पार्किंग में निकाली गई दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया पर लगाए हैं।
पार्षद वात्सायन सोनू जैन और योगेंद्र चौहान ने बताया कि बैरागढ़ मल्टी लेवल पार्किंग में शिक्षित बेरोजगार और विधवाओं वाले आरक्षित वर्ग में 50 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की दुकानें आरक्षित की गई हैं। यानी जो कमजोर हैं उन्हें महंगी दुकानें खरीदनी पड़ेगी। इतनी बड़ी रकम शिक्षित बेरोजगार कहां से लाएगा। इस वजह से यह खाली हैं।
पार्षद गिरीश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी इसका विरोध किया था, लेकिन परिषद में भाजपा अपने बहुमत का दुरुपयोग कर भेदभाव वाले प्रस्ताव पास करवा रही है। नगर निगम परिषद अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान का कहना है कि बैरागढ़ मल्टीलेवल पार्किंग में दुकानें पहले ही आरक्षित हो गई थी और इनका आवंटन प्रस्ताव भी परिषद ने पास कर दिया है। लेकिन अब आरक्षण प्रक्रिया का मूल्यांकन कर नई दुकानों में भेदभाव को खत्म किया जाएगा।