जबलपुर। ताकतवर माफिया के आगे सरकारी तंत्र अक्सर बोने साबित हो जाते हैं। माफिया खुलेआम अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं और कार्रवाई के लिए जिम्मेदार अधिकारी जाल में उलझे नजर आते हैं। स्कॉलरशिप घोटाले में भी ऐसा ही हो रहा है। मामले में आरोपी पैरामेडिकल कॉलेजों से संबंधित जानकारी पोर्टल से हटा दी गई, लेकिन लोकायुक्त कोई कार्रवाई नहीं कर पाया।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा जांच के दौरान जब पोर्टल में छात्रवृत्ति से संबंधित जानकारियां हासिल की जा रही थीं उसी समय पोर्टल से जानकारियां हटा दी गई। यह शासकीय कार्य में बाधा के अलावा आईपीसी के तहत कई तरह के अपराधों की श्रेणी में आता है एवं खुलेआम हुआ साइबर क्राइम है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक ऐजेसी ने कोई एक्शन नहीं लिया था।
इस मामले में इंजीनियरिंग छात्र संगठन के विशाल बघेल ने अब जवाबदार अधिकारियों पर भी साजिश में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।