भोपाल। बिजली कम्पनी के एमडी विवेक पोरवाल के द्वारा संविदा बिजली कर्मचारियों की लगातार संविदा समाप्त करने के विरोध में तथा नियमितीकरण की मांग को लेकर बिजली विभाग की तीनों कम्पनियों में कार्यरत सात हजार संविदा तकनीकी कर्मचारी अधिकारी जिसमें सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री, लाईन मैन, मीटर वाचक, परीक्षण सहायक चरणबद्व आंदोलन करेंगें और अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जायेंगें।
आज राजधानी भोपाल में प्रदेश के तीनों विघुत वितरण कम्पनियों में कार्यरत हजारों संविदा विघुतकर्मी यादगारे शहांजाहांनी पार्क में इक्ठठे हुये। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर, एवं म.प्र. बिजली तकनीकी कर्मचारी संघ जबलपुर क्षेत्र के सचिव आर.के. शर्मा, जिला अध्यक्ष राणा सिंह, के नेतृत्व में संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें निर्णय लिया गया कि सबसे पहले मप्र विघुत वितरण कम्पनी के एम.डी. विवेक पोरवाल से मिलकर निकाले गये संविदा कर्मचारियो एवं इंजीनियिरों को हटाने का विरोध किया जायेगा तथा संविदा समाप्त होने पर हटाये गये संविदा तकनीकी कर्मचारियों, इंजीनियिरों की अवधि वृद्वि किये जाने तथा संविदा बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों को नियमित करने के लिए ज्ञापन सौंपा जायेगा उसके बाद मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन देकर अवगत कराया जायेगा कि भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में स्पष्ट है कि मप्र विघुत वितरण कम्पनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा, सरकार ने नियमित करना तो दूर सरकार में बैठे उनके अधिकारी विवेक पोरवाल संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर रहे हैं और उनकी जगह नई भर्ती कर रहे हैं । जिससे प्रदेश में संविदा कर्मचारी आक्रोशित हैं और संविदा इंजीनियिर और तकनीकी अमला अनिश्चिित कालीन हड़ताल पर जा रहे हैं । म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सभा को सबंोधित करते हुये कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जी चुनावी घोषणा पत्र में बिजली संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादे को पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दें । महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि 2 सितम्बर को नियमित बिजली कर्मचारी संघों की हड़ताल का पूरा समर्थन करते हुये सभी बिजली संविदा कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगें । नियमित बिजली कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि पैगवर जी ने कहा कि संविदा कर्मचारियों के आंदोलन में नियमित कर्मचारी भी शामिल होंगें।