मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो बिजली कर्मचारी करेंगे आंदोलन

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बुरहानपुर। बुधवार को मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन की बैठक हुई। इसमें संगठन की विभिन्न मांगों सहित विषयों पर चर्चा की गई। पदाधिकारियों ने कहा शासन को हमने 12 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए पत्र भेजा है। 27 सितंबर तक मांगें पूरी नहीं होती है तो प्रदेशभर के अफसर, कर्मचारी आंदोलन करेंगे। पदाधिकारियों ने सदस्यों को जरूरी जानकारियों से अवगत कराया।

बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जीके वैष्णव ने कहा दो साल से कर्मचारियों के हित में शासन से मांगें पूरी करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 2009 से तृतीय उच्च वेतनमान दिया जा रहा है लेकिन प्रदेश में भी यह 2014 से लागू किया जा चुका है। अब तक उच्च वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। आंदोलन बिजली  कंपनियों में नई भर्तियां कर ली गई है। जबकि 20 साल से अधिक एक ही पद पर काम कर रहे कनिष्ठ यात्रियों, कार्यालय सहायकों, लाइन कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं की गई है। प्रदेश में मृत कर्मचारियों के परिजन को अनुकंपा नहीं दिए जाने से 7 हजार परिवार रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे है।

सुनील बारोले ने कहा सारणी पावर प्लांट को एनटीपीसी को संयुक्त उपक्रम में दिए जाने, झालारी भत्ते, कार्य के दौरान मारपीट की घटनाओं पर रोक लगाने सहित अन्य मांगों का का निराकरण नहीं किया जा रहा है। इस दौरान शहर कार्यपालन यंत्री जेआर कनखरे, ग्रामीण कार्यपालन यंत्री एमके सक्सेना, प्रकाश बर्वे, प्रवीण नवलखे, रमेश चौधरी, गुलाब सोनार, अजय यादव, रंजीत कुमार, वासुदेव चौधरी, राजेश चौकसे सहित 150 अफसर, कर्मचारी उपस्थित थे।

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