लुधियाना। मालिक और कर्मचारियों के बीच संघर्ष हमेशा से होता आया है। ऐसी कोई फैक्ट्री या कारखाना नहीं जिसमें यह संघर्ष ना होता हो। हीरो साइकल में भी ऐसा ही हुआ लेकिन को-चेयरमैन ओपी मुंजाल ने जिस तरह से इस हड़ताल हो हेंडल किया, वो इतिहास में दर्ज हो गया।
साइकिल उद्योग के जनक और हीरो साइकिल के को-चेयरमैन ओपी मुंजाल का गुरुवार को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। मुंजाल कई दिनों से बीमार चल रहे थे।
एक बार फैक्ट्री में हड़ताल हो गई। कामगार जाने लगे। मुंजाल वहीं थे। वे केबिन से निकले और आवाज देकर कहा, ‘आप चाहें तो घर जा सकते हैं। पर मैं काम करूंगा। मेरे पास ऑर्डर हैं।’ ये कहते हुए वे मशीनें चालू करने लगे। कुछ सीनियर्स ने उन्हें रोका। कहा-सर, आप ये मत करिए। जवाब में ओपी बोले-‘डीलर समझ सकते हैं कि हड़ताल के कारण काम नहीं हो रहा है। पर वह बच्चा कैसे समझेगा जिसके माता-पिता ने बर्थडे पर उसे साइकिल दिलाने का वादा कर रखा है और हमारी हड़ताल के कारण शायद उसे साइकिल न मिले।
अगर मैं अपने बच्चे से वादा करूं तो यह अपेक्षा भी करूंगा कि उसे पूरा करूं। इसीलिए मैं जितनी साइकिल बना सकता हूं, बनाऊंगा। मैंने डीलरों से जो वादा किया है उसे जिस हद तक पूरा कर पाया, जरूर करूंगा।’ मुंजाल ने काम शुरू कर दिया। ये बात कर्मचारियों को पता चली तो दौड़े आए और काम में जुट गए। उस दिन जितने भी ऑर्डर पेंडिंग थे, सब पूरे कर दिए गए। ऐसा था ओपी मुंजाल की लीडरशिप स्किल।