मप्र: छोटे शहरों के काले कारोबारियों पर आयकर की खुफिया नजर

भोपाल। टैक्स वसूली बढ़ाने के लिए आयकर विभाग के जासूस अब छोटे शहरों में काले कारोबारियों को तलाशने में जुट गए हैं। विदिशा में छापामारी के बाद अब ऐसे शहरों में आयकर के छापों में काफी इजाफा होगा।

जिन शहरों में वर्षों से छापे की बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है, वहां फोकस किया जाएगा। साथ ही कर दाताओं की संख्या बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। पिछले सप्ताह विदिशा में करीब दो दशक बाद आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग ने ज्वेलर्स एवं पेस्टीसाइड के कारोबारी के आधा दर्जन ठिकानों पर कार्रवाई कर 15 करोड़ की काली कमाई सरेण्डर कराई।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) की ओर से टैक्स दायरा बढ़ाने के साथ ही छोटे-मझोले शहरों की ओर भी इन्वेस्टीगेशन विंग की छापामारी बढ़ाने को कहा गया है। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में क्रमश: 51 एवं 27 जिले हैं, लेकिन पिछले 15 साल में आयकर की छापामार कार्रवाई ज्यादातर बड़े शहरों व बड़े कारोबारियों तक सीमित रही। विभागीय सूत्रों का मानना है कि महानगरों में छापे की कार्रवाई का उतना असर नहीं होता जितना छोटे शहरों में दिखता है।

व्यापारियों को मैसेज
हाल ही में विदिशा में विभागीय अफसरों ने जब बड़े सराफा कारोबारी एवं कीटनाशक फैक्टरी संचालक के ठिकानों पर सर्च शुरू की शहर के व्यापारियों में हड़कंप की स्थिति थी। व्यापारियों को भी पहली बार छापे की कार्रवाई का अहसास हुआ। विभागीय अफसरों का कहना है कि वहां करीब 15 करोड़ सरेण्डर हुए, लेकिन मैसेज सभी करदाताओं में चला गया। जो लोग टैक्स चोरी में संलग्न हैं वे अब इससे सबक लेंगे। यह सिलसिला दोनों राज्यों के अन्य शहरों में भी शुरू होगा।

बड़े निवेश पर नजर
विभाग के पास अपने स्रोतों के अलावा खुफिया विंग के पास बैंकों के लेनदेन, प्रापर्टी में निवेश, बड़ी खरीदारी, विदेशों की सैर और महंगी ज्वेलरी आदि की शापिंग करने वालों का ब्यौरा रहता है। काली कमाई को प्रापर्टी में निवेश करने वालों के डिटेल भी आयकर ने पंजीयन महकमे से तलब किए हैं। विभाग में जमा हो रहे वार्षिक लेखा जोखा की जांच के बाद टैक्स चोरों पर नजर रखी जा रही है।

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