इंदौर। छोटी-सी गलती के लिए किसी महिला को पद से वंचित नहीं किया जा सकता। ऑनलाइन फॉर्म भरते समय गलती से किसी महिला का पुरुष विकल्प पर क्लिक करना गंभीर चूक नहीं माना जा सकता। याचिकाकर्ता महिला सिलेक्टेड प्रत्याशियों से ज्यादा नंबर लाई है, इसलिए उसे वानिकी विभाग तुरंत पोस्टिंग दें। यह आदेश गुरुवार को न्यायमूर्ति एससी शर्मा ने संगीता उईके की याचिका पर सुनाया।
दरअसल, जुलाई 2014 में व्यापमं ने ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी पद के लिए परीक्षा हुई थी। 415 पदों के लिए ऑनलाइन फॉर्म बुलाए गए थे। इंदौर की संगीता ने आवेदन किया था, लेकिन फॉर्म भरते समय गलती से महिला के बजाय पुरुष विकल्प पर क्लिक कर दिया। फॉर्म भरने के बाद व्यापमं ने संगीता को एडमिट कार्ड जारी किया। उन्होंने परीक्षा दी, लेकिन दो माह बाद जब रिजल्ट आया तो संगीता को 200 में से 122 नंबर मिले। इसके बावजूद व्यापमं ने उनका सिलेक्शन नहीं किया। कम नंबर लाने वालों को चुना गया। संगीता ने शिकायत की तो पता चला कि ऑनलाइन फॉर्म भरते समय छोटी-सी गलती हुई थी, इसलिए सिलेक्शन नहीं किया गया। संगीता ने वकील भरत शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका पेश की। कोर्ट ने पूर्व में स्टे देते हुए विभाग को एक पद खाली रखने के आदेश दिए थे।