बीयू में भी भर्ती घोटाला: फाइलें छिपाता घूम रहा प्रशासन

भोपाल। बीयू का भर्ती घोटाला उजागर हो गया है। कॉम्बो आॅफर कहिए कि प्रमोशन घोटाले का भी खुलासा हो गया। अब बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के गुनहगार फाइलों को यहां वहां छिपाते हुए घूम रहे हैं।

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में हुईं 156 नियुक्तियों व 160 पदोन्नतियों के मामले में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षा (कैग) ने यूनिवर्सिटी से नियुक्तियों में हुई गड़बड़ियों की शिकायत पर जानकारी तलब की है। पिछले महीने कैग ने विवि से 24 घंटे के अंदर जानकारी मांगी थी, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी बीयू कोई जवाब नहीं दे सका है।

बीयू के ही कर्मचारियों ने वर्ष 2004 में कैग को शिकायत की थी कि विवि में वर्ष 1994 से लेकर 2000 तक कुल 156 कर्मचारियों की नियुक्ति और 1994 से लेकर 1999 के बीच 160 कर्मचारियों के प्रमोशन में नियमों की अनदेखी की गई है।

हाईकोर्ट ने भी इन नियुक्तियों को अवैध माना था और उच्च शिक्षा विभाग ने नियम विरुद्ध नियुक्त 156 कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों को किए जाने वाले वेतन व भत्तों के भुगतान पर आपत्ति की थी। पिछली 24 जून को कैग का एक पत्र विवि पहुंचा है जिसमें शासन की अनुमति के बिना की गई नियुक्तियों व पदोन्नतियों की जानकारी मांगी है। लेकिन विवि प्रशासन ने न तो कैग को कोई जवाब दिया और ना ही उच्च शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन किया।

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