भोपाल। आगामी 9 अगस्त को होने जा रहा सीएम हाउस का घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। यह आंदोलन जिला पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों द्वारा किया जा रहा था। इसे सीएम के खिलाफ एक प्रभावी विरोध प्रदर्शन माना गया था और सरकार में इसे लेकर हड़बड़ी थी।
इधर, सरकार ने मामले को दबाने और अध्यक्ष-उपाध्यक्षों को मनाने की पहल कर दी है। 2 सितंबर को पचमढ़ी में इनकी बैठक बुलाई गई है। जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संबोधित करेंगे। इसमें खासतौर पर सिर्फ भाजपा समर्थित 41 जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को बुलाया गया है, ताकि पूरी मुहिम को कमजोर किया जा सके। इधर, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष 9 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने वाले थे, उन्होंने यह कार्यक्रम फिलहाल टाल दिया है।
क्या चाहते हैं जिला पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष
जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्षों और राज्य सरकार के बीच प्रोटोकॉल का झगड़ा बढ़ गया है। अध्यक्षों ने डिमांड रख दी है कि राज्यमंत्री दर्जा की कुटिल व्यवस्था नहीं, बल्कि स्पष्ट रूप से राज्यमंत्री का प्रोटोकॉल और महापौर से ऊंचा स्थान चाहिए।
पॉवर लैस रहने के लिए चुनाव में पानी की तरह पैसा नहीं बहाया। एक-एक अध्यक्ष ने 5-7 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के इस रुख से राज्य सरकार असमंजस में है कि क्या फैसला ले?
करोड़ों खर्च कर चुके हैं। अब एक फाइल भी साइन करने को नहीं मिल रही। या तो त्रि-स्तरीय पंचायत एक्ट खत्म कर दो या पॉवर दे दो। हमारा राजनीतिक कॅरियर ही खत्म कर दिया।
डीपी धााकड़, जिपं अध्यक्ष, रतलाम
अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के लिए जो किया जा सकता था, किया है। वे गांवों में जाएं, दौरा करें। इंजीनियर भी उनकी बात सुनेंगे। बाकी मांगें जो अंतरविभागीय हैं, उनके बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
गोपाल भार्गव, मंत्री