गंजबासौदा/विदिशा। आत्महत्या और सामूहिक आत्महत्याओं के कई मामले सामने आते हैं परंतु ऐसा मामला तारीख में आज तक दर्ज नहीं हुआ। एक पुजारी परिवार ने अलसुबह उठकर पूजा पाठ की और पूरा परिवार फांसी पर झूल गया। वो पुलिस की एक झूठी कार्रवाई से दुखी थे।
महाराज गिरी नामक 55 साल के व्यक्ति की गांव में खेतीबाड़ी थी और एक मंदिर में वे पूजा-पाठ भी करते थे। उनके परिवार में पत्नी यशोदा, 26 साल का बेटा सचिन व 22 साल की बेटी पूनम भी थी। महाराज जिस मंदिर में पूजा पाठ करते थे उसके पास कुछ लोग दुकान बना रहे थे जिस पर उनका जमकर झगड़ा हुआ था।
इसमें पहले महाराज व उनके बेटे खिलाफ हत्या का प्रयास का मामला कायम हुआ था और बाद में दूसरे पक्ष के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ था। इस मामले में पिता-पुत्र जेल चले गए और कुछ सप्ताह पहले ही वे जेल से जमानत पर छूटे हैं।
पिता-पुत्र जेल से जमानत पर आने के बाद से काफी गुमसुम रहने लगे थे। उन्होंने गांव में ज्यादा बातचीत करना भी बंद कर दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि आज सुबह महाराज गिरी के परिवार ने नहाया-धोया और पूजा पाठ की। इसके बाद नए वस्त्र धारण किए थे और पूजा वाले कमरे में लगी गाडर पर सब्बल फंसाकर चारों अलग-अलग फंदा बनाकर फांसी पर लटक गए।
मंदिर नहीं पहुंचे तब पता लगा
सुबह मंदिर पर महाराज गिरी पट खोलने जाते हैं और पूजा पाठ करते हैं लेकिन आज सुबह जब वे नहीं पहुंचे तो मंदिर पहुंचे लोग उनके घर पहुंचे। दरवाजा खुला पड़ा था और चारों लोग कमरे में फांसी पर लटके थे। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।