एस्सेल पर कारवाई से डरती क्यों है सरकार: परिहार

सागर। किसी उपभोक्ता का बिल दो महीने बकाया होने पर एस्सेल बिजली कनेक्शन काट देती है। एस्सेल खुद डिफाॅल्टर है। इसके बाद भी राज्य सरकार उस पर कार्रवाई करने से कतरा रही है।

एस्सेल ने मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी का 31 करोड़ रुपए का भुगतान रोक लिया है। उस 32 करोड़ रुपए बकाया हो गया। कंपनी भुगतान भी नहीं कर रही। यह आरोप गुरुवार को मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स के संयोजक वीकेएस परिहार ने लगाए। वे मकरोनिया स्थित मुख्य अभियंता ऑफिस में बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों की आमसभा काे संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एस्सेल पर मुजफ्फरपुर में आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुका है। वहां पर 170 करोड़ का घपला किया है। कंपनी को टर्मिनेट कर देना चाहिए। बिजली कर्मचारियों के सभी संगठनों के सदस्यों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इसमें अधिकारियों ने सागर में फ्रेंचाइजी कंपनी एस्सेल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कंपनी का अनुबंध निरस्त करने की मांग शासन से की है। जबलपुर से आए सुनील कुरेले, फेडरेशन के अशोक जैन, केके पैगवार ने भी आमसभा को संबोधित किया।
सागर। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर यूनियन ने प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।

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