भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग अब सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) को अधिक सशक्त बनाने जा रहा है। इसके तहत पहली से आठवीं तक के बच्चों को हर दिन प्रोजेक्ट देने और हर दिन टेस्ट लेने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह कार्य राज्य शिक्षा केंद्र कर रहा है। प्रस्ताव पर आखिरी मोहर लगना अभी बाकी है। उम्मीद है कि सितंबर से इसे लागू किया जा सकता है।
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि सीसीई तनावमुक्त और खुशनुमा माहौल में बच्चों को सिखाने का कारगर तरीका है। इसलिए खेल, संगीत, नृत्य, नाटक और कला में बच्चे की प्रतिभा, स्कूल की गतिविधियों और कार्यक्रमों में भागीदारी, उनके मूल्य, विश्वास और नेतृत्व कौशल का आकलन अनिवार्य किया जा रहा है। प्रयास यह है कि एक शिक्षक को कई छात्रों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपी जाए। वे एक-दूसरे से इतने अटैच रहें कि शिक्षक बच्चों के मनोभाव समझे। उसकी काबिलियत को परखे और जरूरत के मुताबिक पढ़ाए। इस दौरान शिक्षक को यह भी देखना होगा कि बच्चे को सीखने में कहां दिक्कत आ रही है और उसे संबंधित बात कैसे समझाई जा सकती है। वह खुद ऐसा सिस्टम बनाएगा जिससे बच्चों का रोटेशन में टेस्ट होता रहे।
रोज देंगे प्रोजेक्ट
प्रस्ताव में बच्चों को रोज प्रोजेक्ट देने और टेस्ट लेने को शामिल किया गया है। यानि शिक्षक बच्चों को रोज छोटे-छोटे काम या प्रोजेक्ट देंगे और उनका अवलोकन करते हुए उससे संबंधित प्रश्न पूछेंगे। चर्चा करके भी बच्चों के समझने की शक्ति परखने की कोशिश की जाएगी। विभाग का मानना है कि ऐसा करने से बच्चा कितना सीख रहा है और उसे किस तरह के सुधार की जरूरत है। इसके लिए मासिक या वार्षिक परीक्षा के आंकड़ों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसका पता तुरंत ही चल जाएगा और समय रहते सुधार की दिशा में काम शुरू हो जाएगा।
दो तरह से आकलन
स्कूलों में सीसीई का प्रभावी क्रियान्वयन करने के लिए रचनात्मक और योगात्मक आकलन किया जाएगा। रचनात्मक आकलन के माध्यम से बच्चे का अकादमिक, सह शैक्षिक-व्यक्तिगमत सामाजिक गुणों का आकलन किया जाएगा। अकादमिक आकलन में लर्निंग इंडिकेटर्स को भी आधार बनाया जाएगा। जबकि सह शैक्षिक-व्यक्तिगत गुणों के आकलन में बच्चे से स्व-आकलन पत्र भरवाया जाएगा। प्रार्थना, बाल अखबार, बालसभा, स्काउट एवं गाइड की गतिविधियों को आकलन होगा। वहीं योगात्मक आकलन वर्ष में दो बार प्रतिभा पर्व के दौरान किया जाएगा। इसमें बच्चों की परीक्षा होगी।
मॉनीटरिंग की व्यवस्था
सीसीई के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए डाइट, डीपीसी, बीआरसी, एपीसी, बीएसी, जनशिक्षा केंद्र के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी।