भोपाल। प्राथमिक सहकारी समितियों से उधार में खाद-बीज लेने वाले किसानों को कर्ज चुकाने पर दस फीसदी की छूट मिलेगी, जो अधिकतम दस हजार रुपए होगी। इसके लिए सहकारिता विभाग ने नई योजना तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दी है।
योजना का फायदा 15 लाख से ज्यादा किसानों को मिलेगा। जो किसान तय समय से कर्ज की राशि नहीं लौटाएंगे, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। योजना आगामी रबी सीजन से लागू हो सकती है।
प्रदेश में 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से जुड़ी साढ़े चार हजार प्राथमिक सहकारी समितियों के मार्फत सरकार किसानों को रियायती दर पर खाद-बीज मुहैया कराती है। किसान इन समितियों से कर्ज में नकदी के साथ खाद-बीज लेते हैं। समय पर कर्ज अदा करने पर किसान से ब्याज नहीं लिया जाता है। इसके साथ अब नई व्यवस्था भी लागू की जा रही है। इसके तहत खाद-बीज के कर्ज पर किसानों को दस प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी।
इसके मायने यह हुए कि 100 रुपए की खाद लेने पर 90 रुपए ही चुकाने होंगे। जाहिर है इस छूट का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसान उठाना चाहेंगे, वैसे भी जीरो परसेंट ब्याज पर कर्ज मिलने के कारण सहकारी संस्थाओं से अल्पावधि कृषि ऋण लेने वाले किसानों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। यही वजह है कि नई योजना में अधिकतम छूट प्रस्तावित है।
ये छूट दस हजार रुपए तक होगी। इससे अधिक राशि होने पर किसानों को उसे चुकाना होगा। सूत्रों का कहना है कि योजना खरीफ सीजन से लागू होगी या रबी से, इसका फैसला कैबिनेट करेगी। विभाग की मंशा योजना को आगामी रबी सीजन से लागू करने की है।
अग्रिम भंडार की छूट रहेगी जारी: सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई योजना लागू होने के बाद भी पुरानी अग्रिम भंडार योजना पर ब्याज की छूट जारी रहेगी। किसानों को खरीफ सीजन शुरू होने से तीन माह पहले खाद का अग्रिम भंडारण करने पर कोई ब्याज नहीं लिया जाता है। इससे सरकार को सालाना दो-ढाई सौ करोड़ रुपए जेब से भरने होते हैं।