सागर। लाखा बंजारा झील के दिन जल्द ही फिरने वाले हैं। नगर निगम प्रशासन ने मंगलवार को एमआईसी की बैठक में अलग-अलग योजनाओं के तहत झील में प्रदूषण रोकने के लिए 217 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पारित किया। इस राशि से झील को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
महापौर अभय दरे ने बताया कि शहर की लाइफलाइन को फिर से जीवित करेंगे। पहले फेज में झील के चारों ओर स्थित वार्डों का सीवरेज पाइपलाइनों की सहायता से बाहर ले जाएंगे। पहले चरण के प्रयास में झील के किनारे किसी प्रकार का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनाया जाएगा। शहर के सीवरेज को तीन स्थानों से बाहर निकाला जाएगा।
दो भागों में बांटा सीवरेजभाग-1 झील के चारों ओर स्थित वार्डों का सीवरेजभाग-2 शहर के अन्य भाग का सीवरेजइस काम में दो मदों की राशि का होगा उपयोग72 करोड़ रुपए मिले थे 8 साल पहले झील के लिए। इसमें से लैप्स हो रही 37 करोड़ रुपए की राशि शासन ने वापस दी180 करोड़ रुपए मिलेंगे अमृत योजना में झील के लिए
बैठक में यह हुआ
बैठक में झील में सीवरेज रोकने के लिए यूआईडीएसएसएमटी योजना में उपलब्ध राशि से कार्य करवाने की सहमती बनी। एनजीटी के निर्देशों पर मंथन किया। 29 करोड़ 65 लाख रुपए की कार्ययोजना लागत प्रस्तुत कर प्रशासकीय, वित्तीय स्वीकृति जारी की गई।
दो अहम निर्णयपहला-लैप्स हो रही लगभग 37 करोड़ की राशि का उपयोग झील में प्रदूषण रोकने के लिए किया जाएगा।
दूसरा-लगभग 20 साल से बंद पड़ी पाइपलाइन का फिर से उपयोग होगा। यह पाइपलाइन संगीत महाविद्यालय से कठुआ पुल तक पहले से ही डली हुई है। पंप भी लगे हुए हैं। जिनमें सिर्फ सुधार कार्य होना है। इस लाइन के जरिए झील में मिलने वाले सीवरेज को शहर के बाहर पहुंचाया जाएगा। ननि प्रशासन यदि वर्तमान में यह पाइपलाइन बिछाता तो करोड़ों रुपए की लागत आती।
झील को बचाना हैझील को बचाने के लिए नगर निगम हर संभव प्रयास करेगा। हमने बड़े स्तर पर प्रयास शुरू किए हैं। दो मदों में 217 करोड़ की राशि से फस्र्ट फेज में झील की सूरत बदलेंगे और शहर का सीवरेज बाहर निकालेंगे।
अभय दरे, महापौर