बेगमगंज। 13 सितम्बर से अपनी मांगों के समर्थन में आन्दोलनरत अध्यापकों पर दमन की अलोकतान्त्रिक कार्यवाही की गई अध्यापक संगठन के नेताओं को बातचीत के लिए डीपीआई कार्यालय बुलाकर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाना मध्यप्रदेश के इतिहास में किसी भी सरकार द्वारा पहली बार किया गया है जो की एक अभूतपूर्व घटना है। कर्मचारियों की हड़तालें पहले भी हुयी हैं, समझौते की वार्ताएं टूटी भी हैं, मगर चर्चा में समाधान न निकलने पर वार्ताकारों को गिरफ्तार करने का कार्य इस सरकार में पहली बार किया गया है।
इंसाफ के प्रदेश संयोजक टी.आर.अठया प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मध्यप्रदेश सरकार अपने अध्यापकों को शत्रुराष्ट्र तथा पृथकतावादी संगठनों से भी ज्यादा खतरनाक समझती है। 25 सितम्बर को प्रदेश भर में बस स्टैंड्स, रेलवे स्टेशन्स तथा राष्ट्रीय राजमार्गों पर चुन चुन कर अध्यापकों की गिरफ्तारियां गयी गिरफ्तारियां इस सरकार की बर्बर अप्रजातांत्रिक और पीड़ित समुदायों के प्रति हिकारत का प्रतीक है। दो बड़े त्योहारों के बीच अध्यापकों जैसे पढेलिखे तबके के साथ जिसे दुनिया राष्ट्र निर्माता मानती है उसके साथ इस तरह का बर्ताब निंदनीय और घोर लज्जाजनक है।
अध्यापकों पर दमन की कार्यवाही, गिरफ्तारी और मुकदमें लगाये जाने के विरोध तथा अध्यापको के साथ एकजुटता में 28 सितम्बर को मध्यप्रदेश किसान संघर्ष समिति, NAPM , INSAF, समाजवादी समागम सहित प्रदेश के अन्य कई संगठन पूरे प्रदेश में विरोध दिवस के रूप में मनाएंगे। इस दौरान रायसेन जिले में भी स्थानीय अधिकारीयों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा जाबेगा।